भामाशाह योजना में नियमित रूप से प्रताडि़त एवं असंबद्ध करने के साथ ही भुगतान संबंधी समस्याओं को लेकर भामाशाह प्राइवेट हॉस्पिटल यूनियन ने अध्यक्ष डॉ बी एल रणवां, संयोजक डॉ महेंद्र बुडानिया, कोषाध्यक्ष रामधन चौधरी तथा सचिव विशेष व्यास के प्रतिनिधित्व में जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन दिया। मीटिंग में 40 से अधिक अस्पतालों के मालिक एवं चिकित्सक उपस्थित थे। जिसमें अस्पतालों के सभी प्रतिनिधियों ने साफ साफ शब्दों में कह दिया कि यदि नियम विरुद्ध असंबद्ध किये अस्पतालों को पुन: योजना से नहीं जोड़ा गया एवं यह प्रताडऩा का क्रम लगातार चलता रहा और अनियमित भुगतान के साथ-साथ क्लेम्स के नियम विरुद्ध रिजेक्शन का सिलसिला यदि नहीं रुका तो सभी निजी अस्पताल सीकर जिले में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का बहिष्कार करेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में जिले में निजी अस्पतालों में प्रतिदिन 500 से अधिक एवं मासिक 15 से 20000 मरीज केवल भामाशाह योजना से अपना इलाज मुफ्त में लेते है, निजी अस्पतालों के योजना में काम बंद कर देने से हजारों मरीजों को योजना के तहत मुफ्त इलाज मिलना बंद हो जाएगा और गरीब मरीजों को अपनी जेब से पैसा खर्च कर के निजी अस्पतालों में अपना इलाज कराना पड़ेगा। योजना से जुड़े सभी निजी अस्पतालों ने जिला कलेक्टर को 7 दिन का समय दिया है ताकि वे समस्या का निस्तारण करा कर अस्पतालों को भयमुक्त करें अथवा 7 अगस्त से सभी निजी अस्पताल हड़ताल कर लेंगे और योजना में मुफ्त इलाज का बहिष्कार करेंगे।