बाघोली, मणकसास पंचायत के अडवाणा की राउप्रावि में कमरे नही होने पर तीन ही कमरो में आठ कक्षाए चल रही है। ग्रामीण भोलाराम ,बाबुलाल, हरिराम आदि ने बताया कि अडवाणा की स्कूल लगभग दस साल पहले मिडील स्कूल में क्रमोन्नत हुई थी। इसी समय के बने पांच कमरो में ही यह स्कूल चल रही है। नामांकन भी स्कूल में सैकड़ो के लगभग चल रहा है। एक कमरे में आंगनबाड़ी चलने से 24 बच्चे पढ़ते है। एक कमरे में स्टोर का स्कूली सामान पड़ा है। बाकी तीन कमरो में से एक में कक्षा 1 व 2 के 25 बच्चे, दूसरे कमरे में कक्षा 3,4,5 के 24 बच्चे तो तीसरे कमरे में कक्षा 6,7,8 में 23 बच्चे पढ़ते है। प्रधानाध्यापक लालसिंह का कहना है कि स्कूल में कमरे कम होने से एक कमरे तीन कक्षाओं को विषय के अनुसार पहले 3 तो बाद में 4 व पांचवी कक्षा को पढ़ाना पड़ता है। बरसात व घूप रहने से बच्चों को बहार बैठाकर भी नही पढ़ा सकते है। ग्रामीणों ने एसडीएमसी की बैठक में कमरे बढ़ाने के लिए कई बार प्रस्ताव लेकर भी भिजवा दिया है। लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नही की गई है। स्कूल में पानी की बड़ी टंकी तो बनी हुई है लेकिन पानी की सप्लाई की व्यवस्था नही होने से पानी भी टैंकरो से मगवाना पड़ता है। जो अध्यापक अपने निजी खर्चे से वहन कर रहे है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि स्कूल में 6 अध्यापकों के पद स्वीकृत है लेकिन चार ही पद पर अध्यापक कार्यरत है। दो पद अभी भी खाली चल रहे है। समाज सेवी पूर्व तहसीलदार मंगलचन्द सैनी ने चार दिन पहले अडवाणा के ग्रामीणों ने स्कूल की समस्या अवगत करवाने के बाद स्कूल में जाकर देखा तो कमरो व पानी की समस्या का मामला सामने आने पर जिला कलेक्टर को मेल पर ज्ञापन भेजकर समस्या का समाधान कराने की मांग की थी। उधर अध्यापको ने बताया कि भीषण गर्मी को देखते हुए बच्चों के लिए अपने निजी खर्चे से पंखे मंगवाकर कमरे में लगाये गये है और कमरो की टूटी खिड़कियों को भी ठीक करवाया गया है।
इनका कहना है कि
हमारे पास कमरे बनाने का अभी तक तो कोई सरकारी बजट नही है पहले सर्व शिक्षा अभियान के तहत बजट मिलता था वो अब बंद हो रहा है ओर कोई स्कीम से देखगें। नाहरसिंह बीईईओ उदयपुरवाटी।