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मनुष्य को अपने भीतर राग-द्वेष की वृत्ति को कम करना चाहिए- मुनिश्री किशनलालजी

चुरु,  प्रेक्षाप्राध्यापक शासनश्री मुनिश्री किशनलालजी, मुनि निकुंजकुमारजी, मुनि मार्दव कुमारजी के चुरु आगमन पर तेरापंथ भवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। ओसवालों का मोहल्ला स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित स्वागत समारोह में मुनिश्री किशनलालजी ने अपने वक्तव्य में बताया कि आज हमारा आगमन चुरु जिले मुख्यालय में हुआ है, स्वागत अपने आप में महत्त्वपूर्ण हो सकता है किंतु उसके साथ व्यक्ति अपने स्वयं को बदले और वह बदलाव प्रेक्षाध्यान के प्रयोग द्वारा संभव है। मनुष्य को अपने भीतर राग-द्वेष की वृत्ति को कम करना चाहिए। राग-द्वेष मुक्त होकर व्यक्ति पवित्र जीवन जीये उन्होंने यह भी बताया कि दीर्घ श्वास के प्रयोग से भी व्यक्ति अपने गुस्से पर नियंत्रण कर सकता है। इस अवसर पर दिल्ली, मोमासर से भी विशिष्टजनों का आगमन हुआ।

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