माता-पिता की अनुमति के बिना ले जाने पर
झुंझुनूं, लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के विशेष न्यायाधीश सुकेश कुमार जैन द्वारा दिये एक निर्णय में 18 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग लडक़ी को उसके माता-पिता की अनुमति के बिना ले जाने (अपहरण) के मामले में आरोपी संदीप कुमार पुत्र गोमाराम कुमावत निवासी मोजू की ढ़ाणी थाना ऐलनाबाद हरियाणा को एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा दी है। मामले के अनुसार 29 जनवरी 2019 को परिवादी अनिल कुमार ने पुलिस थाना नवलगढ़ पर एक रिपोर्ट दी कि उसके भाई की पुत्री यानि उसकी नाबालिग भतीजी जिसकी जन्मतिथि 01-01-2003 निवासी नया परसरामपुरा है, जो 28 जनवरी 2019 को सुबह घर से स्कूल जाने के लिये निकली थी जो वापस अभी तक घर नही लौटी है। परिजनो ने आस-पड़ौस व रिश्तेदारियों में काफी तलाश की लेकिन पता नही चला है। पुलिस ने इस रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर संदीप कुमार के विरूद्ध पोक्सो एक्ट आदि में आरोप पत्र सम्बन्धित न्यायालय में पेश कर दिया। विशिष्ट लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार की तरफ से पैरवी करते हुये सात गवाहान के बयान करवाये तथा 15 दस्तावेज प्रदर्शित करवाकर न्यायालय में तर्क दिया कि पीडि़ता पक्षद्रोही घोषित होने के बाद भी पीडि़ता ने इस बात से इंकार नही किया है कि आरोपी उसे लेकर नही गया हो तथा पीडि़ता ने यह भी कहा कि ले जाते समय उस व्यक्ति ने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था तथा जब उसकी आंख खुली तो आरोपी को ही पाया। जिससे साबित है कि आरोपी पीडि़ता को स्कूल से उसके संरक्षक की अनुमति बिना ही ले गया है तथा पीडि़ता का नाबालिग होना भी साबित है। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश£ेषण करते हुये आरोपी को पोक्सो एक्ट से तो बरी कर दिया जबकि आरोपी संदीप कुमार को उक्त अनुसार सजा देते हुये उस पर पांच हजार रूपये का और अर्थदण्ड भी किया। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।