छतीसगढ़ के काकेर में नक्सली हमले में शहीद हुए श्रीमाधोपुर के नाथूसर गांव के लाडले लोकेन्द्र सिंह शेखावत की सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अन्त्येष्टि की गई। हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से अपने लाडले को अंतिम विदाई दी। पहली बार डीजे साउंड व बैंड बाजों के साथ शहीद लोकेन्द्र सिंह की अंतिम यात्रा निकाली तो बीएसएफ व राजस्थान पुलिस की टुकडी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। नाथूसर का वीर बहादुर लाडला लोकेन्द्र सिंह 2012में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। पिता महेन्द्र सिंह के दो पुत्रों में छोटा पुत्र लोकेन्द्र सिंह बचपन से ही होनहार था। शहीद लोकेन्द्र सिंह का विवाह दो साल पहले नागौर जिले के आंसरवा की अन्नू कंवर से हुआ था। लोकेन्द्र के छह महीने का पुत्र दक्ष प्रताप सिंह भी है। 15 जुलाई को जहां छह महीने के पुत्र दक्ष प्रताप सिंह का मुंडन की रस्म होनी थी कि मनहूस खबर आई कि लोकेन्द्र सिंह नक्सली हमले में शहीद हो गए। लोकेन्द्र सिंह की शहादत की खबर के बाद गांव में गमगीन माहौल हो गया तो परिजनों व पत्नी को इस बात की सूचना नहीं दी गई। सोमवार को सुबह भी गांव में चूल्हे नहीं जले,देर रात को शहीद लोकेन्द्र सिंह का र्पाथिव देह सडक मार्ग से होते हुए अजीतगढ पहुंचा। जहां से सोमवार सुबह हजारों की संख्या में बाइक रैली के नेतृत्व में काफिले के साथ लोकेन्द्र सिंह का र्पाथिव देह पैतृक गांव नाथूसर के लिए रवाना हुई। लोकेन्द्र सिंह की शहादत को सलाम करने सडक मार्गों पर हजारों की संख्या में लोग उमड पड़े और अपने लाडले की शहादत को सलाम किया। बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह देवडा के नेतृत्व में लोकेन्द्र सिंह का पार्थिव देह नाथूसर गांव पहुंचा। जितेन्द्र सिंह ने बताया कि लोकेन्द्र सिंह बहादुर था और मिलनसार था। उन्हें अपने साथी को खोने का गम है लेकिन उसकी शहादत पर भी गर्व है। लोकेन्द्र सिंह के चाचा ने बताया कि नक्सली हमले में लोकेन्द्र शहीद हुआ है। छतों पर उमड़ा महिलाओं का हुजूम हजारों लोगों का ज्वार अजीतगढ से नाथूसर तक शहादत को सलाम करने पहुंचा। लोगों ने पुष्प वर्षा कर लाडले लोकेन्द्र के अंतिम दर्शन किए। जैसे ही लोकेन्द्र सिंह का पार्थिव देह गांव पहुंचा हर किसी की आंखे नम हो रही थी। पूरा गांव अपने लाडले के अंतिम दर्शन को छतों पर पहुंच गया। हर किसी की आंखे नम थी। वहीं महिलाओं का भी हुजूूम लाडले के अंतिम दर्शन के लिए छतों पर उमड़ पड़ा। जैसे ही गांव के मुख्य मार्गाेंं से शहीद की अंतिम यात्रा गुजर रही थी तो छतों पर अंतिम दर्शनार्थ के लिए खड़ी महिलाओं की आंखे भी नम हो गई। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल जैसे ही शहीद की पार्थिव देह घर पहुंची तो घर में कोहराम मच गया। हर किसी का रो रोकर बुरा हाल था तो छह महीने के बेटा भी सबकों रोते देख बार बार सुबक रहा था जिसे देखकर हर किसी की आंखे नम हो गई तो पत्नी अन्नू कंवर व माता कैलाश कंवर का रो रोकर हाल बेहाल था। शहीद की डीजे की धुन पर निकली अंतिम यात्रा हर शहीद को नम आंखों से विदाई दी जाती है लेकिन नाथूसर सहित आस पास के ग्रामीणों ने अपने लाडले को अंतिम विदाई की रस्म डीजे एवं बैड़ बाजों की धुन पर अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा का ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर नम आंखों से विदाई दी। शहीद लोकेन्द्र सिंह के छह महीने के बेटे दक्षप्रताप सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी तो वहीं अंतिम संस्कार में मौजूद हजारों लोगों ने शहीद लोकेन्द्र सिंह अमर रहे के नारों से आकाश को गुंजायमान कर दिया। शहीद लोकेन्द्र सिंह को राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया ने पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किए। पूर्व विधान सभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत,श्रीमाधोपुर विधायक झाबर सिंह खर्रा,जिला कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल,एसपी विनित कुमार राठौड, गीरिराज सिंह, पीसी जाट, श्याम चौधरी, नरेन्द्र सिंह महरोली ,एसडीएम ब्रह्रालाल जाट रींगस उपाधीक्षक, मनस्वी चौधरी,तहसीलदार सुमन चौधरी,थानाधिकारी भगवान सहाय मीणा, रक्षपालदास स्वामी, सांसद के निजी सहायक अमित आर्य, मऊ सरंपच रामूसिंह सहित हजारों की संख्या में लोगों ने पुष्प अर्पित कर शहीद को अंतिम नमन किया।