चूरू, चूरू स्थित आपणी पाठशाला सेवा व समर्पण के जज्बे की एक अद्भुत मिसाल है। देश के अलग अलग भागों में झुग्गियों में रहने वाले, गरीबी में अभावग्रस्त जीवन जीने वाले, भिक्षावृत्ति अपनाने वाले व अनाथ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको योग्य नागरिक बनाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य करने वाली यह पाठशाला आज आमजनों में चर्चा का विषय है तथा इस मुहिम को सभी जगह से सराहना व सहयोग मिल रहा है।
आपणी पाठशाला: एक परिचय
मुस्कान संस्थान के तहत संचालित एवं वर्ष 2015 में राजस्थान पुलिस में कार्यरत कर्मठ कॉन्स्टेबल धर्मवीर जाखड़ द्वारा चूरू में स्थापित आपणी पाठशाला निःस्वार्थ भाव से सेवा करने का एक संकल्प है। आज इस पाठशाला में देश के अलग अलग भागों में झुग्गियों में रहने वाले, गरीबी में अभावग्रस्त जीवन जीने वाले, भिक्षावृत्ति अपनाने वाले, घुमंतू परिवार के व अनाथ 250 से अधिक बच्चे निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अब तक झोपड़ियों में ही संचालित इस पाठशाला में सेवा के जुनून के चलते 600 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है। नेक इरादे से किए जाने वाले कार्यों को लोग भी पसन्द करते हैं; यही वजह है कि आज विद्यालय संचालन, बच्चों के खानपान व स्टेशनरी आदि की सुविधा के लिए करीब 3 लाख प्रतिमाह का खर्च भामाशाहों व आमजनों के सहयोग से चल रहा है। दो जून की रोटी के लिए तरसते व कुपोषण के शिकार बच्चे आज पोषणयुक्त भोजन भी प्राप्त कर रहे हैं और अपनी प्रतिभाओं को निखारने का अवसर भी पा रहे हैं।
अब तक कुल 400 बच्चे पाठशाला से पढकर निकले हैं जिनमें 100 से अधिक बच्चे संस्था की जानकारी में अन्यत्र सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पाठशाला के ही सहयोग से कक्षा 6,7,8,9,10,11 12 में अध्ययनरत हैं। 5 बच्चे उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर के तिंवरी स्थित गुरुकुल में निःशुल्क आवासीय सुविधाओं के साथ अध्ययन कर रहे हैं ।
सेवा व दान का एक महायज्ञ
अब तक मिले जनसहयोग से व बच्चों के चेहरों पर खिली मुस्कुराहट से प्रेरित होकर सिपाही के सपनों को पंख लगाने में आमजन ,भामाशाह और अनेकों सामाजिक हितार्थ संचालित संस्थान आगे आये हैं और मुस्कान संस्थान के माध्यम सें इस सेवा मिशन को अनवरत आगे बढ़ाना चाहते है। इसी को ध्यान में रखते हुए 23 मार्च 2023 को शहीद भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु के सपनों के भारत की संकल्पना को संजोते हुए आपणी पाठशाला के पक्के भवन बनाने हेतु शिलान्यास समारोह रखा गया जिसमें देशभर से भामाशाहों, आमजनों ,समाजसेवकों के सहयोग एक ऐसा सुविधायुक्त भवन निर्मित करनें का संकल्प हुआ ताकि ऐसे अधिकतम बच्चों के लिए यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश के किसी भी कोने में कोई बिलखता बचपन लाचार होकर आँसू नहीं बहाये। इस सेवा मिशन से दूर दराज के जिलों व राज्यों से भी आर्थिक मदद के लिए लोग आगे आ रहे है। जन सहयोग से प्रस्तावित भवन निर्माण का कार्य तेजी से आगे बढ़ चुका है! आपणी पाठशाला के इस सेवा प्रकल्प से कोई भी प्रतिभावान बच्चा गरीबी की वजह से शिक्षा व मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहेगा। साथ में इन बच्चों व इनके परिवारों को शिक्षा के साथ साथ तमाम सरकारी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराने का प्रयास आपणी पाठशाला का रहेगा। इसी कड़ी में आज इन महान शख्सियतों का साथ मिला है!