रतननगर से मेघसर रोड़
चूरू, एक तरफ तो सरकारें उद्योग व लघु उद्योगें पर योजनाएं बनाती हैं, तो दूसरी तरफ औद्योगिक क्षेत्रों की सडक़ें बदहाल अवस्था में टुटी-फुटी हुई है। इन उद्योगों में माल को ढोने के लिए बड़े वाहन वहां पर जाने से कतराते है। अगर वाहन जाते भी है तो उद्योगों के मालिकों से 15-20 हजार की राशि ज्यादा लेते है। जिससे उद्योगों के मालिकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सत्यनारायण सैनी ने बताया कि रतननगर से मेघसर रोड़ जो 2008 में बनी थी। रतननगर से 2 किलोमीटर दूरी पर एक स्थान पर सडक़ एक ही खसरा में पीडब्ल्यू द्वारा बनाई गई थी। आगे के खसरा का रोक के कारण एक सडक़ उपर बनाकर वहां पर रोक दी। सामने वाले खसरे से मिलन के लिए दूसरी रोड़ तीन फुट नीचे बना दी। जिससे के कारण बड़े वाहनों को भी नुकसान होता है। वर्ष 2012 में इसी स्थान पर लघु उद्योग ईकाई है। जिसकी निर्यात माल की कैपेसिटी लगभग 6-सात कन्टेनर प्रतिमाह है।