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अंग प्रत्यारोपण फर्जी एनओसी प्रकरण – राजस्थान सरकार के सख्त एक्शन एवं प्रो-एक्टिव एप्रोच को केन्द्र ने सराहा

जयपुर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशील पहल पर प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी प्रकरण में राज्य सरकार के सख्त एक्शन एवं प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ उठाए गए कदमों को केन्द्र सरकार ने सराहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक प्रो. डॉ. अतुल गोयल ने इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह को पत्र लिखकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की प्रशंसा की है।

सिंह ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में चिकित्सा विभाग द्वारा अनाधिकृत रूप से अंग प्रत्यारोपण के मामलों में जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित करने, इसमें लिप्त चिकित्सकों एवं अस्पतालों के विरूद्ध थोटा एक्ट- 1994 के निर्धारित प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराने, अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त करने जैसे कड़े कदम उठाए गए हैं। साथ ही, प्रदेश में अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए ऑथोराइजेशन एवं एडवाजरी कमेटी का गठन, सोटो की स्टीयरिंग कमेटी का पुनर्गठन करने तथा विभिन्न एसओपी बनाने जैसे महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। पारदर्शितापूर्वक अंग प्रत्यारोपण के लिए डोनर एवं रिसीवर की नोटो आईडी अनिवार्य की गई है।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने पत्र में कहा है कि अंगदान एवं प्रत्यारोपण के कार्य में नैतिकता एवं पारदर्शिता लाने की दिशा में लगातार सख्त कार्रवाई कर राजस्थान ने एक बेहतर उदाहरण पेश किया है। साथ ही, अंगदान जैसे महान कार्य का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कर लोगों में इसके प्रति जागृति पैदा करने एवं जरूरतमंदों का जीवन बचाने की दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा किए गए प्रयास मील का पत्थर साबित होंगे।

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