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महात्मा गाँधी के बलिदान दिवस पर गाँधी जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन

सूरजगढ़, राष्ट्रीय साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया के कार्यालय सूरजगढ़ में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के बलिदान दिवस पर शिक्षाविद् व समाजसेवी मनजीत सिंह तंवर की अध्यक्षता में गाँधी जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया। सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और दो मिनट का मौन धारण कर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी, शिक्षाविद् राजपाल सिंह फोगाट, वीर तेजाजी विकास संस्थान के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया, मनजीत सिंह तंवर आदि ने गाँधी जीवन दर्शन पर अपने विचार व्यक्त किये। गाँधी जीवन दर्शन पर वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा- महात्मा गाँधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। महात्मा गाँधी ने ही देश की आजादी के लिए प्रथम देशव्यापी आंदोलन का आगाज़ किया था। देश की आजादी के लिए जितने भी राष्ट्रीय आंदोलन हुए हैं, उनका नेतृत्व राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने ही किया था। महात्मा गाँधी ने हिंदुस्तान को आजादी दिलाने के साथ ही विश्व के लोगों के लिए मानवाधिकारों की पैरवी की और हिंसा के दौर में दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया। महात्मा गाँधी विश्व के पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने रंगभेद, भेदभाव, नस्लवाद और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई। महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों के विरुद्ध दक्षिण अफ्रीका से क्रांति का आगाज़ किया था, उनका यह संघर्ष भारत को आजादी दिलाने तक जारी रहा। हिंदुस्तान की सरजमीं पर महात्मा गाँधी द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध शुरू किया गया प्रथम आन्दोलन चंपारण सत्याग्रह 1917 में किसानों के हक व अधिकारों के लिए किया गया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जेबी कृपलानी जैसे स्वतंत्रता सेनानी चंपारण सत्याग्रह से ही महात्मा गाँधी के संपर्क में आए थे। 1918 में अहमदाबाद मजदूर सत्याग्रह और खेड़ा सत्याग्रह का नेतृत्व किया। किसानों के लिए किये गये खेड़ा सत्याग्रह के समय ही सरदार वल्लभभाई पटेल महात्मा गाँधी के संपर्क में आए थे। 1920 में महात्मा गाँधी ने प्रथम देशव्यापी आंदोलन शुरू किया, जिसे इतिहास में असहयोग आंदोलन के नाम से जाना जाता है। 1928 में किसानों के लिए बारदोली सत्याग्रह और 1930 में दांडी मार्च (नमक सत्याग्रह) शुरू किया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज़ किया, जो हिंदुस्तान की आजादी के लिए किया गया अंतिम आंदोलन था। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। विभाजन की त्रासदी के रूप में हमें आजादी मिली। 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में महात्मा गाँधी की हत्या कर दी गई। महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि को देशवासी शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं। आज तक के विश्व इतिहास में महात्मा गाँधी जैसे महापुरुष का जन्म नहीं हुआ है। आज विश्व शांति के लिए महात्मा गाँधी के विचारों को अमल में लाना जरूरी है। गाँधी जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रम में योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुगांई, समाजसेवी इंद्र सिंह शिल्ला, पूर्व बैंक प्रबंधक बाबूलाल बडगूजर, शिवदान सिंह भालोठिया, जगदेव सिंह खरड़िया, धर्मपाल गाँधी, मनजीत सिंह तंवर, दरिया सिंह डीके, राजपाल सिंह फौगाट, विकास बुडानिया, महेश कुमार, अनिल सैनी, भंवर सिंह, सुनील गाँधी, अंजू गाँधी आदि अन्य लोग मौजूद रहे।

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