विभाग के प्रमुख डॉ. सागर कच्छवा ने बताया
झुंझुनू, श्री जगदीशप्रसाद झाबरमल टीबडेवाला विश्वविद्यालय के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग द्वारा आजसे 10 दिवसीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। विभाग के प्रमुख डॉ. सागर कच्छवा ने बताया कि ,’योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्र- छात्रों के लिए प्रत्येक वर्ष इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। यह विभाग द्वारा संचालित 10वीं कार्यशाला है। विद्यार्थियों के कौशल को विकसित करने तथा उनमें योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के सैद्धांतिक विषय की समझ को विकसित कराने हेतु इस प्रकार की कार्यशाला बहुत उपयुक्त है।’ विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. मधु गुप्ता ने रोजगार हेतु योग का प्रशिक्षण प्राप्त कर उसमे पारंगत होना क्यों जरूरी है? इस बिंदु पर चर्चा की। भाषा विभाग की डीन डॉ अंजू गुप्ता ने कहा कि जहां से हमें अच्छा सीखने को मिलता है उसे सीखना चाहिए तथा रोजगार के अवसरों को अपने स्तर पर भी सृजित करने का प्रयास करना चाहिए। शिक्षा विभाग के प्राचार्य डॉ रामनिवास सैनी ने योग को तन एवं मन के स्वास्थ्य का विज्ञान बताकर प्रत्येक व्यक्ति को योग का ज्ञान आत्मसात करने पर बल दिया। विश्वविद्यालय के अकादमी प्रमुख डॉ राम दर्शन फोगाट ने जीवन जीने की कला के रूप में योग किस प्रकार हमारा मार्गदर्शन करता है तथा योग की शिक्षा दीक्षा से हम एक अच्छे व्यक्ति के रूप में अपने आप को समाज में किस प्रकार स्थापित कर सकते हैं, इस बाबत मार्गदर्शन किया। कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट डॉ बालकिशन टीबडेवाला ने छात्रों को शुभकामनाएं दी। कार्यशाल के उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ तनुश्री ने किया। इस अवसर पर डॉ सुषमा, उमेश, उज्जवल तथा देश भर से आए प्रशिक्षुओं की विशेष उपस्थित रहे।