सालासर कस्बे में प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर कार में शव जलाने के मामले में आरोपी पत्नी व उसके प्रेमी को सोमवार को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुना दी है। न्यायालय में मुख्य रूप से आरोपी पत्नी सुनीता की पुत्री अंजू, सुनीता की मां सावित्री के गवाहों को ध्यान में रखा। दोनों गवाहों ने सुनीता के खिलाफ न्यायालय में गवाही दी थी। घटनाक्रम के अनुसार 12 मई 15 को सालासर थाने में यह मुकदमा मृतक सतवीर के भाई बलजीतसिंह निवासी अलीपुर हरियाणा ने दर्ज करवाया था कि सतवीर की पत्नी सुनीता व उसका प्रेमी विनय सालासर बालाजी के दर्शन करने के बहाने सतवीर को सालासर लेकर आये और यहां लाकर उसकी हत्या कर दी और शव को कार में जला दिया। जिस पर तत्कालीन सालासर थानाधिकारी संदीप विश्रोई ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से पूर्व अपर लोक अभियोजक कुंभाराम आर्य ने 26 गवाहों के बयान करवाये थे और 10 वस्तु साक्ष्य और 72 दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष रखे गये। परिवादी की ओर से पैरवी एडवोकेट रमेश कुमार बिस्सु ने की। अपर लोक अभियोजक कार्यालय के रीडर दिनेश गौतम ने बताया कि सोमवार को प्रकरण में बहस अंतिम सुनने के बाद एडीजे न्यायाधीश रामपाल जाट ने आरोपी पत्नी सुनीता, प्रेमी विनय को हत्या सबूत मिटाने, कार जलाने, साजिश का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित करते हुए 10 हजार का जुर्माना लगाया है। वहीं विधिक सेवा समिति को भी न्यायालय ने निर्देश दिये हैं कि मृतक के नाबालिग वारिश के लिए प्रतिकर की व्यवस्था हेतु जिला विधिक सेवा समिति को लिखा जावे।