साहित्य एकादमी के अनुवाद पुरस्कार से पुरस्कृत चूरू की लेखिका डाॅ कृष्णा जाखड़ का शुक्रवार को गुवाहाटी के पूर्वांचल जाट समाज की ओर से अभिनंदन किया गया। इस मौके पर डाॅ जाखड़ ने कहा कि असम में समाज की सक्रियता सामाजिक दायित्वों के निर्वहन का एक उज्ज्वल पक्ष है। उन्होंने कहा कि परिवार वह कड़ी है जहां से व्यक्ति खुद का होना महसूस करता है, परंतु समाज और आसपास का इतर परिवेश ही वह दायरा है जो व्यक्ति को निरंतर संस्कारित करता रहता है। समाज वह जुड़ाव है जो हर किसी को सबसे पहले सामूहिकता सौंपता है। कार्यक्रम में राजस्थान से आए साहित्यकार दुलाराम सहारण ने कहा कि असम कभी भी राजस्थान के लिए पराया नहीं है, मारवाड़ी यहां मील के पत्थर हैं और उनकी मातृभाषा राजस्थानी यहां के कण-कण में है। इस अवसर पर पूर्वांचल जाट समाज के अध्यक्ष बुधराम चौधरी ने राजस्थानी भाषा के सम्मान को आत्म सम्मान बताया और कहा कि भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलनी चाहिए। समाज के कार्यकारी अध्यक्ष के आर चौधरी ने भाषाई दायित्व को भी एक सामाजिक दायित्व बताया। समाज के कोषाध्यक्ष मोहन लाल बिजारणिया ने स्वागत किया। समाज के मंत्री श्रीचंद ढाका ने धन्यवाद ज्ञापित किया।