चुरूताजा खबर

राजस्थान अपने चहुंमुखी विकास की राह पर कदम बढ़ा रहा है- राजेन्द्र राठौड़

राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर आयोजित हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम,

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहा, कवि सम्मेलन में कवियों ने दी साहित्यिक प्रस्तुतियां,

पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, विधायक हरलाल सहारण, जिला प्रमुख वंदना आर्य, जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा, पद्मभूषण देवन्द्र झाझड़िया, पूर्व विधायक अभिनेष महर्षि सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी व चूरूवासी रहे मौजूद

चूरू, राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार सांय को जिला मुख्यालय स्थित नेचर पार्क के ओपन थियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम व कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़, विधायक हरलाल सहारण, पद्मभूषण देवेंद्र झाझड़िया, जिला प्रमुख वंदना आर्य, पूर्व विधायक अभिनेष महर्षि, जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा, जिला उप प्रमुख महेंद्र न्यौल, प्रधान दीपचंद राहड़, बसंत शर्मा, पूर्व सभापति विजय शर्मा सहित अतिथि मंचस्थ रहे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एडीएम अर्पिता सोनी, डीएफओ वीरेंद्र कृष्णिया, एसडीएम बिजेंद्र सिंह, आयुक्त अभिलाषा सिंह, एक्सईएन पूर्णिमा यादव आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।

बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के लिए गौरव का दिन है। तत्कालीन गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल ने प्रदेश की नींव रखी और आज का यह समृद्ध राजस्थान अपने चहुंमुखी विकास की राह पर कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां की मिट्टी के कण- कण में वीर, शौर्य व बलिदान है। राजस्थान का इतिहास त्याग का रहा है। माटी पर मर मिटना यहां की परंपरा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राजस्थान स्थापना दिवस मनाने का निर्णय सराहनीय है। राजस्थान की सामाजिक विरासत और लोक संस्कृति इतिहास पर टिकी है। इसी इतिहास व परंपराओं को दोहराते हुए सरकार ने जनभावना का सम्मान किया है।

उन्होंने कहा कि चूरू जिला प्रशासन के नवाचारों जिला विकास की नई राह पर है। जिला प्रशासन के नवाचारों से लोक संस्कृति को स्पंदन हुआ है। हम सभी मिलकर चूरू को ‘आपणो चूरू -अग्रणी चूरू‘ बनाए। हमारा इतिहास गौरवमयी है और आने वाला भविष्य निश्चित तौर पर स्वर्णमयी होगा।

विधायक हरलाल सहारण ने कहा कि राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष में सात दिवस तक कार्यक्रम आयोजन सरकार का सराहनीय कदम है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राजस्थान दिवस मनाए जाने का निर्णय यहां की समृद्ध विरासत, सनातन संस्कृति व सामाजिक उत्थान की दिशा में प्रभावी कदम है। सरकार जनकल्याण को मन में रखकर काम कर रही है। यह गरीब को गणेश मानकर काम करने वाली सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति तक अपनी योजनाओं, नीतियों, निर्णयों से अपनी पहुंच बना रही है।

पद्मभूषण देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि राजस्थान का संपूर्ण विश्व में बहुत बड़ा योगदान है। यहां की संस्कृति संपूर्ण विश्व को आकर्षित करती हैं। राजस्थान संस्कृति, वीरों, बलिदान और प्रतिभाओं की धरती है। राजस्थान की संस्कृति को पूरी दुनिया में सराहा जाता है।

उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार के अभूतपूर्ण निर्णय से सभी जिलों में कार्यक्रम हो रहा है। सरकार की अपनी विरासत और संस्कृति को सहेजने का यह प्रयास सराहनीय है। हम इतिहास को याद करेंगे तो भविष्य सुदृढ़ होगा।

पूर्व विधायक अभिनेष महर्षि ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान दिवस को अविस्मरणीय बनाया है। रोजगार, महिला सशक्तिकरण, युवाओं को संबल के साथ राजस्थान को अग्रणी बनाने के लिए यहां की संस्कृति और सामाजिक उत्थान के लिए प्रदेश सरकार बेहतरीन प्रयास कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत को विश्वगुरु और तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बनाने के लिए दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार भी ‘जो कहा वो किया‘ का संकल्प पूरा कर रही है। चूरू भी जिला प्रशासन के नवाचारों के साथ विकास की राह पर आगे बढ़ रहा हैं।

इस दौरान विमला गढ़वाल, चंद्राराम गुरी, अभिषेक चोटिया, सुरेश सारस्वत, नरेंद्र कंवल, हेमसिंह, राधेश्याम डोकवा, धमेर्ंद्र राकसिया, सीपी शर्मा, भास्कर शर्मा, गोपाल बालाण, नारायण बेनीवाल, रवि दाधीच, श्रीराम शर्मा, अभिलाषा, कॉपरेटिव एमडी मदनलाल, एसीएफ महेंद्र लेखाला, रेंजर दीपचंद, रेंजर पवन आदि मौजूद रहे। संचालन बजरंग हर्षवाल ने किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दी प्रस्तुत

अभिचेतना ग्रुप ने ‘आओ नी पधारो म्हारे देस, रंगीलो राजस्थान, आर्मी एक्ट, कठपुतली व कालबेलिया नृत्य‘, बिंजोआ ग्रुप रामसीसर ने लोकगीतों तथा श्रुति क्याल, विशाखा सोनगरा, रुचिका शर्मा ने नृत्य प्रस्तुति दी। रितेश प्रजापत ने बांसुरी वादन व प्रियांशु गौड़ ने पियानो पर प्रस्तुति दी।

कवियों ने दी साहित्यिक प्रस्तुतियां

इस अवसर पर राजस्थान की समृद्ध विरासत व संस्कृति पर आधारित कवि सम्मेलन में आशीष गौतम ‘आशु‘, दिग्विजय सिंह गोगटिया, हरिराम गोपालपुरा, अजीत सिंह चारण आदि कवियों ने कविताओं व साहित्य की प्रस्तुति दी। हरिराम गोपालपुरा ने हास्य रस, अजीत सिंह चारण ने श्रृंगार रस, दिग्विजय सिंह गोगटिया ने वीर रस, आशीष गौतम ‘आशु‘ ने हास्य- व्यंग्य कविताओं की प्रस्तुति दी। ओम डायनामाइट ने कवि सम्मेलन का संचालन किया।

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