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राजस्व अधिकारी न्यायिक विवेक से न्याय संगत एवं कानून सम्मत फैसला करें- चिरंजीलाल दायमा

राजस्थान राजस्व बोर्ड के सदस्य चिरंजीलाल दायमा ने राजस्व अधिकारियों से कहा है कि वे न्यायिक प्रक्रियाओं की अक्षरशः पालना करते हुए पीड़ित पक्षकारों को त्वरित राहत प्रदान करना सुनिश्चित करें। दायमा गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में उपखण्ड अधिकारियों के न्यायालय की कोर्ट प्रणाली के सुदृढ़ीकरण विषयक कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि काश्तकारों के रास्ता संबंधी विवादों में लम्बी पेशी न देवें तथा तहसीलदार एवं पटवारी स्वयं मौके पर जाकर विवाद का त्वरित निराकरण करें। उन्होंने कहा कि एसडीओ सोमवार, मंगलवार व बुधवार को कोर्ट में बैठकर बकाया प्रकरणों का शीघ्र निस्पादन करना सुनिश्चित करें ताकि काश्तकारों की लिटिगेशन संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। दायमा ने राजस्व अधिकारियों को न्यायालय की कार्य प्रणाली, भू-अभिलेख के मूल सिद्धान्त, नामान्तरकरण, सहमति से रास्ते का अंकन, राजस्थान काश्तकारी अधिनियम-1955, कृषि जोतों का विभाजन, घोषणात्मक दावें एवं काश्तकारी अधिकारों का विभाजन की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि खातेदारी प्रकरणों में न्यायिक विवेक से न्याय संगत एवं कानून सम्मत फैसला करें। जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे राजस्व बोर्ड के निर्देशों की अक्षरशः पालना करते हुए एसडीओ कोर्ट में लम्बित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण कर पीड़ित पक्षकारों को राहत प्रदान करें। कार्यशाला में वरिष्ठ अधिवक्ता आशाराम सैनी ने बकाया प्रकरणों के शीघ्र निस्पादन के लिए महत्ती सुझाव देते हुए कहा कि एसडीओ निर्धारित दिवस में कोर्ट में बैठे एवं काश्तकारों के लिटिगेशन प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि कृषि जोतों के विभाजन के मामलों में तहसीलदार स्वयं मौके पर जाकर फैसला करें। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनन्तराम सोनी ने सरकारी भूमि की सुरक्षा के संबंध में सुझाव देतेे हुए कहा कि सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों से वांछित राजस्व वसूला जाए एवं जोहड़ पायतन की भूमि से कब्जा हटवाया जाए ताकि भविष्य में सरकारी भूमि सुरक्षित रह सके। एडवोकेट प्रतापसिंह बीदावत ने न्यायिक निर्णय में समावेश होने वाली बातों की विस्तृत जानकारी दी। एडवोकेट अभिषेक टावरी ने बैंच व बार के बीच बेहत्तर समन्वय स्थापित होने के लिए अपने महत्ती सुझाव प्रस्तुत करते हुए कहा कि दोनों पक्ष एक दूसरे के प्रति सम्मान, समन्वय एवं मधुर संबंधों के साथ समाज को त्वरित न्याय प्रदान करें। वरिष्ठ अधिवक्ता बजरंगलाल शर्मा ने कार्यशाला का संचालन करते हुए कहा कि एसडीओ कोर्ट में बकाया प्रकरणों के निस्तारण के लिए अभियान संचालित कर रास्ता संबंधी विवादों का त्वरित निस्तारण किया जाए तथा एक तरफा मामलों में एसडीओ शीघ्र फैसला कर पीड़ित पक्षकार को राहत प्रदान करें।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर रामरतन सौंकरिया, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं अधिवक्तागण उपस्थित थे।

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