स्थानीय श्री मंगलदत्त माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत छात्रा प्रियंका नोखवाल की सडक़ दुर्घटना में गंभीर घायल होने पर जयपुर रैफर करने के बाद उपचार के दौरान दम तोड़े जाने पर गुरूवार को परिजनों सहित समाज के दर्जनों लोगों ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी रतनगढ़ को सौंपकर स्कूल की मान्यता रद्द करने व मृतका के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। ज्ञापन में उल्लेख किया कि 25 दिसम्बर को मंगलदत्त माध्यमिक स्कूल की ओर से विद्यार्थियों को घुमाने के लिए पिलानी ले जाया गया व सांय लोटते वक्त खांसोली रामनगर तिराहे पर बस में सवार विद्यार्थियों को लघु शंका के लिए बस को रोका गया। लेकिन बस को किसी पेट्रोल पम्प अथवा होटल पर रोकनी चाहिए थी। लेकिन बस चालक ने बिना किसी पेट्रोल पम्प व होटल पर न रोककर ऐसे ही खड़ी कर दी। जिससे बच्चियां लघुशंका के लिए बाहर निकली व ट्रक की चपेट में आने से घायल हो गई। बालिका को चूरू राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने जयपुर रैफर के लिए कहा। ज्ञापन में लिखा कि उस समय बालिका के साथ मौजूद स्कुल प्रधानाचार्य पवन मंगलहारा ने दस्तकत करने से मना कर दिया। जिससे लगभग एक घंटे लेट हो गई व बच्ची के आंतरिक चोट से खुन बह गया। रैफर नोट पर प्राचार्य के हस्ताक्षर होने के बाद जयपुर ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत 26 दिसम्बर को ट्रोमा सेन्टर जयपुर में हो गई थी। ज्ञापन में श्री मंगलदत्त माध्यमिक विद्यालय की मान्यता रद्द करने व बच्ची प्रियंका के अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन से उचित मुआवजा देने की मांग भी की गई।