चुरूताजा खबर

ताल छापर की पर्यटन संभावनाओं के विस्तार के लिए नियमित गतिविधियां जरूरी

जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में जिला पर्यटन विकास स्थाई समिति की बैठक

चूरू, आमतौर पर जिला मुख्यालय पर होने वाली जिला पर्यटन विकास स्थाई समिति की बैठक जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की पहल पर एक नवाचार के तौर पर सोमवार को जिले के विख्यात पर्यटन स्थल तालछापर में आयोजित की गई। बैठक में ताल छापर समेत जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों के विकास और पर्यटन संभावनाओं के विस्तार को लेकर विचार विमर्श किया गया। इस मौके पर सिहाग ने कहा कि चूरू जिले में पर्यटन की भरपूर संभावनाएं हैं। जिला पर्यटन मानचित्र में अधिक बेहतर ढंग से उभरे, इसके लिए हम सभी को समन्वित प्रयास करने होंगे। जिला कलक्टर ने कहा कि तालछापर की पर्यटन संभावनाओं के विस्तार के लिए जरूरी है कि यहां नियमित तौर पर विभिन्न गतिविधियां हों। उन्होंने यहां पर साप्ताहिक रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने, चूरू और ताल छापर में स्टार गेजिंग शुरू करने, पेइंग गेस्ट एवं गेस्ट हाउस स्कीम से लोगों को जोड़ने सहित विभिन्न प्रस्ताव बनाने, गोपालपुरा की हरीतिमा ढाणी में नरेगा कन्वर्जेन्स तथा राजीविका के जरिये विकास कार्य एवं ट्रेनिंग के प्रोग्राम बनाने, ताल छापर एवं सालासर से जुड़ी पर्यटन महत्त्व की प्रमुख दस साइट्स को शामिल कर ब्रोशर छपवाने, नेचर गाइड एवं टूरिस्ट गाइड ट्रेनिंग कराने, नेचर पार्क में ग्लो गार्डन बनाने सहित विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श कर निर्देश दिए।

उन्होंने बैठक में मौजूद स्थानीय लोगों के सुझाव सुने और उनसे कहा कि वे पर्यटन गतिविधियां करें और किसी भी प्रकार की मदद के लिए पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन सदैव तैयार है। उन्होंने कहा कि जिले में धार्मिक स्थलों पर दर्शन के लिहाज से बहुत लोग आते हैं। इसके साथ बहुत सारी छोटी-छोटी एक्टीविटी को जोड़कर बेहतर काम किया जा सकता है। यदि आया हुए पर्यटक और श्रद्धालु यहां कुछ समय के लिए ठहरते हैं तो स्थानीय इकॉनोमी के लिए यह काफी अच्छा हो सकता है। जिला कलक्टर ने कहा कि रेत के धोरों में केमल सफारी आज के समय का ट्रेंड हैं, इस दिशा में फोकस किया जा सकता है। उन्होंने पर्यटन उपनिदेशक को इसके लिए स्थान चिन्हित कर लोगों को इस दिशा में प्रमोट करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने पेइंग गेस्ट स्कीम के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों को चिन्हित कर समाधान करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि पर्यटन गतिविधियां बढती हैं तो यह जिले के लोगों के लिए हर दृष्टिकोण से बेहतर बात है।

उप वन संरक्षक सविता दहिया ने तालछापर अभयारण्य क्षेत्र की गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी और यहां की जैव विविधता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि छापर क्षेत्र में पर्यटन को प्रमोट करने की दिशा में लोग काफी जागरुक हैं। दहिया ने कहा कि अभयारण्य में कैफेटेरिया, कल्चरल कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।गोपालपुरा सरपंच सविता राठी ने हरीतिमा ढाणी में किये जा रहे नवाचारों के बारे में जानकारी दी। समिति सदस्य श्याम शर्मा ने ग्रामीण पर्यटन विकास के लिए ऋण आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि तालछापर क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से अकूत संभावनाएं हैं। क्षेत्र में पहाड़ी, टीले, पक्षी, कृष्ण मृग जैसी अनेक विशेषताएं हैं जो इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। विक्रम सिंह, चमन, सुजानगढ आयुक्त सोहन लाल, हरिप्रसाद जोशी, आनंद प्रसाद आदि ने महत्ती सुझाव दिये। पर्यटन उपनिदेशक भानुप्रताप ने इस क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान सुजानगढ एडीएम डॉ नरेंद्र चौधरी, एसडीएम मूलचंद लूणिया, एसीएफ दिलीप सिंह राठौड़, बीडीओ हरिराम चौहान, भामाशाह नवरत्न कोठारी, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, सानिवि एसई शिशुपाल सिंह, आदि अधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे।

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