बुहाना [सुरेंद्र डैला ] सुरजगढ विधानसभा रिटर्निंग अधिकारी ने आगामी विधानसभा के सफल संचालन को लेकर मंगलवार को एसडीएम कार्यालय में प्रेसवार्ता की गई। रिटर्निंग अधिकारी सुश्री राधिका देवी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजस्थान विधानसभा आम चुनाव 2018 के सफल संचालन, सूचना के त्वरित आदान-प्रदान एवं निर्वाचन की आदर्श आचार सहिता की पालना सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा स्तरीय चुनाव नियंत्रण कक्ष की स्थापना किया गया है, जो सप्ताह के सातों दिन तीन पारियों में चैबीस घंटे कार्यशील रहेगा। यह नियंत्रण कक्ष तहसील कार्यालय में स्थापित किया गया है। यह चुनाव नियंत्रण कक्ष आदर्श आचार सहिता की अवहेलना संबंधित शिकायतों के कॉल सेन्टर के रूप में भी कार्य करेगा। नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नं. 01593-288415 है। इसमें भारत निर्वाचन आयोग के सी-विजिल एप के लिए भी इसी नंबर पर इंटरनेट युक्त दूरभाष एवं कम्प्यूटर स्थापित किया गया है। साथ ही बताया कि यह नियंत्रण कक्ष तीन पारियों में प्रातः 6 से दोपहर 2 बजे, दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तथा रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा। तहसीलदार बुहाना को नियंत्रण कक्ष का समग्र प्रभारी तथा प्रोग्रामर गजेंद्र को सी विजिलक प्रभारी बनाया गया है। रिटर्निंग अधिकारी ने सभी प्रभारी अधिकारियों को नियंत्रण कक्ष की समस्त गतिविधियों का सुगम संचालन सुनिश्चित करते हुए निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर को प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराने के निर्देश दिए है। तीन पारियों में नियंत्रण कक्ष के निर्बाध एवं सुगम संचालन के लिए विभिन्न विभागों से अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। साथ ही एक आरक्षित दल का भी गठन किया गया है।
-सम्पत्तियों के विरूपण की रोकथाम के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
उप जिला कलक्टर एवं रिटर्निंग अधिकारी सुश्री राधिका देवी ने प्रेसवार्ता में बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2018 के दौरान सम्पत्तियों के विरूपण की रोकथाम के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता की पालना पूर्ण मुस्तैदी व सख्ती से कराने के निर्देश दिए हैं। उप जिला निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारी ने आगे बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सम्पत्तियों के विरूपण के संबंध में समय-समय पर आदेश एवं निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में सम्पति विरूपण की रोकथाम के लिए वर्ष 2006 से अधिनियम भी लागू कर दिया गया है। इसके तहत सार्वजनिक परिदृश्य में दिखाई देने वाली किसी भी सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्ति को किसी भी प्रकार से विरूपित करने पर दाण्डिक प्रावधान किये गये हैं।
-अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता की पालना पूर्ण मुस्तैदी से कराने के निर्देश’
सुश्री राधिका ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के अभ्यर्थियों-कार्यकर्ताओं की ओर से निर्वाचन एवं प्रचार-प्रसार से संबंधित पोस्टर, कट आउट, नारे, प्रतीक चिह्नों एवं चित्रों का अंकन कर सार्वजनिक, सरकारी एवं गैर-सरकारी सम्पत्तियों, भवनों को भद्दा एवं खराब करना आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में माना जाएगा। इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना कराए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने बताया कि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी ध्वज दण्ड, ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने, टांगने या लगाने आदि के लिए निर्धारित स्थान के अतिरिक्त सार्वजनिक, सरकारी, गैर सरकारी, निजी भूमि-भवनों एवं सम्पत्तियों का उपयोग नहीं कर सकेगा। उन्होंने बताया कि कोई भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी पोस्टर, बैनर, कट आउट, नारे इत्यादि केवल स्थानीय निकाय की ओर से नियत एवं उपलब्ध कराने गये स्थानों पर निर्धारित दर का भुगतान कर स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही प्रदर्शित कर सकेंगे। इस संबंध में अधिकारियों को सभी राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों को बराबर अवसर देने के निर्देश दिए गए है। साथ ही सरकारी भवनों पर किसी भी राजनीतिक दल एवं उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार सामग्री का प्रदर्शन नहीं करने देने के लिए पाबंद किया गया है। सुश्री राधिका ने बताया कि राजपथ, सड़कों के महत्वपूर्ण चैराहों, राजकीय वाहन, जनपथों के मील के पत्थरों, रेलवे क्रोसिंग पर लगे हुए एहतियाती नोटिस बोर्ड, रेलवे प्लेटफॉर्म के नाम पट्ट, बस स्टैंड पर मार्ग निर्देश दिखाने वाले साइन बोर्ड या सार्वजनिक सुविधा के लिए प्रदर्शित करना एवं अन्य नोटिस-साइन बोर्ड सार्वजनिक सम्पत्तियों की श्रेणी में शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त अन्य समस्त जन उपयोगी सुविधाएं एवं सम्पतियां इसमें शामिल मानी जाएंगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सार्वजनिक-राजकीय सम्पत्तियों पर किसी भी प्रकार की चुनाव प्रचार सामग्री लगाना निषेध रहेगा तथा मात्र पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत की ओर से इसके लिए नियत स्थानों पर ही सक्षम स्वीकृति लेकर सामग्री प्रदर्शित की जा सकेगी। निजी सम्पत्ति मालिक की लिखित अनुमति लेकर ही अस्थायी एवं आसानी से उतारे जा सकने वाली प्रचार सामग्री प्रदर्शित की जा सकेगी। लिखित स्वीकृति को रिटर्निग अधिकारी को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। अधिकारी कोई भी लिखित स्वीकृति देने से पूर्व चुनाव आयोग के आदेश-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।