जिला कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल ने शिक्षा विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बच्चों को निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत विद्यालयों में अधिकाधिक प्रवेश दिलवाने में प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें तथा पालनहार योजना, विशेष योग्यजन बच्चों को लाभान्वित कराने के लिए सूची भिजवायें। जिला कलेक्टर मंगलवार को जिला बाल कल्याण समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि आरटीई अधिनियम में जिले के 390 विद्यालयों को पंजीकृत किया गया है जिनमें 3 हजार बच्चों को प्रवेश दिलवाना था जिसके विरूद्ध 1073 बच्चों को ही प्रवेश दिलवाया गया जो लक्ष्य से कम हैं। उन्होंने मुख्य जिला शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया कि विद्यालयों में प्रवेश सत्र के समय निःशुल्क शिक्षा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा माईक्रो स्क्रूटनी की जाये ताकि गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो सके। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि बालवाहिनियों पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट आगामी बैठक में लावें तथा सम्पे्रषण गृह के बच्चों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये। उन्होंने चाईल्ड लाईन हैल्प केयर की जागरूकता के लिए पोस्टर जिले के आंगनबाडी केन्द्रों, स्कूलों बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन सार्वजनिक स्थानों पर लगाये जाने एवं मण्डोली ,बलारा, निमावत स्कूल में बच्चों से मारपीट की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने निर्देशित किया कि चाईल्ड हैल्प लाईन कांवट, थोई, अजीतगढ़, खण्डेला, क्षेत्रों का भ्रमण कर बाल श्रमिकों की वस्तुस्थिति की रिपोर्ट आगामी बैठक से पूर्व प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। उन्होंने श्रम विभाग को बाल श्रमिकों के शोषण के संबंध में अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी केवल कागजी कार्यवाही नहीं करें वे क्षेत्र में जाकर धरातल पर जाकर कार्य करें। बैठक में सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ओमप्रकाश राहड़़, परिवीक्षा अधिकारी गार्गी शर्मा, डीईओ मुकेश मेहता, श्रम अधिकारी चैन सिंह शेखावत, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष रतनलाल मिश्रा, सदस्य गिरवर सिंह झाझड़़, दुर्गा देवी रणवां, गजेन्द्र चारण, नूर मोहम्मद पठान, सुरज वर्मा, राहुल दानोदिया, सहायक लेखाधिकारी श्यामसुन्दर शर्मा ने हिस्सा लिया।