झुंझुनूताजा खबर

उपभोक्ता के अधिकारों ठेंगा दिखाते झुंझुनू शहर में संचालित सेल और मेले

मेले के आयोजकों के पीछे रहता है साठ गांठ करने वाले दलालो का हाथ

झुंझुनू, झुंझुनू जिला मुख्यालय पर प्रशासनिक स्वीकृति के नाम पर अन्य प्रावधानों की धज्जियां उड़ाते हुए सेल और मेले लंबे समय से संचालित किया जा रहे हैं। आपको बता दें कि औपचारिक प्रशासनिक स्वीकृति के नाम पर इन मेलों और सेल में उपभोक्ताओं के हकों पर खुलेआम कुठाराघात किया जा रहा है। इनमें उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार का न तो बिल दिया जाता है और जो सामान भी इनमें बेचा जाता है वह किस दर्जे का होता है यह भी किसी से छुपा हुआ नहीं है। इसके साथ ही मेले या सेल में जिन शर्तो और मानदंडों के आधार पर प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है उनकी भी कितनी पालना इसमें होती है, इसकी भी खैर खबर लेने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते आयोजकों को लूट की खुली छूट मिली हुई है। यहां तक की खानपान से जुड़ी हुई सामग्री भी इनमें बिकती कई बार देखी जाती हैं। यहाँ से यदि कोई व्यक्ति सामान खरीद कर लेकर जाता है तो उसको बिल तो दिया ही नहीं जाता साथ ही किसी भी प्रकार की शिकायत होने पर उपभोक्ता के अधिकारों को कोई सुरक्षा नहीं मिलती है। यह संगठित रूप से आयोजको का एक झुण्ड तो होता ही है। वही इनके पीछे कुछ प्रशासन से साठ गाठ करने वाले दलाल भी रहते है जिसके चलते आज तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई झुंझुनू में देखने को नहीं मिली है। सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार कई बार तो जिस व्यक्ति को आयोजक बताकर जो स्वीकृति ली जाती है वह तो सिर्फ मोहरा होता है वास्तविक मालिक तो परदे के पीछे ही रहते है जिनसे सरकारी कार्यालयों के कार्मिक भी भली भांति परिचित होते है कि वास्तव में यह मेला किसका है। यदि मेले में कोई उपभोक्ता को किसी भी प्रकार की शिकायत भी होती है तो उसकी आवाज को वही दबा दिया जाता है। वही झुंझुनू शहर में वर्तमान में जो मेले और सेल संचालित हो रही हैं उनकी पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के चलते भी शहर की यातायात व्यवस्था भी बिगड़ती है। वही इसमें दुकान लगाने वाले व्यापारी कहां से माल लाते हैं इसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता है जिसके चलते सरकारी कर चोरी होने की सम्भावनाओ से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस प्रकार एक प्रकार की प्रशासनिक स्वीकृति के अलावा जो दूसरे मानदंड है उनको इन मेलों में सरासर नजर अंदाज किया जाता है। पिछले दिनों में झुंझुनू उपखंड अधिकारी के साथ झुंझुनू जिला कलेक्टर को भी इस मामले को लेकर ज्ञापन दिया गया था लेकिन झुंझुनू जिला प्रशासन की अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं देखने को मिली है।

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