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ईशा बिजारणिया का नौसेना में लेफ्टीनेंट के पद पर चयनित होने पर कोटपूतली में सरपंचों ने भी किया स्वागत

प्रशिक्षण हेतु जाते समय कोटपूतली सरपंचों ने स्वागत कर किया सम्मानित

झुंझुनूं, भारतीय सेना में “सेवा चयन बोर्ड” (एसएसबी) द्वारा बारहवीं व जेईई मेंस में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए जून में पहली बार महिलाओं के लिए अधिकतम नौ पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। जिसमे देश भर से पांच बालिकाओं का लेफ्टीनेंट के पद के लिए चयन किया गया है। एसएसबी मे पहले प्रयास से इन में से चयन होने वाली ईशा बिजारणिया मूल राजस्थान की पहली बालिका है। एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) एझिमाला, केरला में प्रशिक्षण के लिए 14 जनवरी से पहले उपस्थित होने के लिए जाते समय शुक्रवार को रास्ते में कोटपूतली हाईवे पर स्थानीय नागरिकों एवं सरपंचों द्वारा बुक्का देकर और शॉल उठाकर सम्मानित किया। इस दौरान ईशा के पिता अजीत सिंह को भी साफा पहनाकर सम्मानित किया। शीशराम सरपंच बैराठ सरपंच संघ अध्यक्ष, महेंद्र सरपंच कोटपूतली, इंद्राज कसाना, शीशराम सरपंच , सुभास आरटीओ दिलबाग द्वारा स्वागत कर ईशा को सम्मानित किया। इस अवसर पर अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।

मोहर सिंह का बास, बेरला निवासी सिंघाना रह कर पढ़ाई करने वाली 19 वर्षीय ईशा बिजारणिया के परदादा चौधरी गूगन राम प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना की ओर से भाग ले चुके हैं इनके दादा के भाई कर्नल रामकुमार सिंह बिजारणिया आर्मी से सेवानिवृत्ति है जो जयपुर रहते हैं जिन्होंने एयरपोर्ट तक जाते समय प्रशिक्षण में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता कर और आशीर्वाद देकर विदा करेंगे। परिवार की होनहार बेटी ईशा को माता राजबाला, दादा दलीप सिंह, बाबा अनिल कुमार, बुआ सुमन, शकुंतला, सुमित्रा चौधरी, भाई रितिक कटेवा, अभिनव, रिया, दिया, सौम्य, वंश आदि परिवारजनों ने सिंघाना से विदा किया।

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