जाने प्रत्येक सोमवार की पूजा का विधि विधान
झुंझुनू, जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष आचार्य अभिमन्यू पाराशर ने बताया कि सावन के दूसरे यानी द्वितीय सोमवार को भगवान महाकालेश्वर शिव जी की पूजा आराधना करें व् शिवलिंग पर सफेद तिल् एक मुट्ठी चढाने चाहिए ! उसके बाद पूजा क्रिया करने के बाद दिए गये मंत्र की रुद्राक्ष की माला से 11 माला का जाप करें ! ऐसा करने से जातक को सुखी गृहस्थ जीवन, पारिवारिक कलह से मुक्ति, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है !
मंत्र : “ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम:”
सावन के तीसरे यानी तृतीय सोमवार को भगवान अर्द्धनारीश्वर शिव जी की पूजा आराधना करें व् शिवलिंग पर खड़े मूँग एक मुट्ठी चढाने चाहिए ! उसके बाद पूजा क्रिया करने के बाद दिए गये मंत्र की रुद्राक्ष की माला से 11 माला का जाप करें !ऐसा करने से जातक को अखंड सौभाग्य, पूर्ण आयु मेंवृद्धि, संतान प्राप्ति में परेशानी से मुक्ति, संतान की सुरक्षा, कन्या विवाह में सफलता , अकाल मृत्यु के डर से निवारण व आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है।
मंत्र : “ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नम:”
सावन के चौथे यानी चतुर्थ सोमवार को भगवान तंत्रेश्वर शिव जी की पूजा आराधना करें व् शिवलिंग पर जौ एक मुट्ठी चढाने चाहिए ! उसके बाद पूजा क्रिया करने के बाद दिए गये मंत्र की रुद्राक्ष की माला से कुश के आसन पर बैठकर 11 माला का जाप करें ! ऐसा करने से जातक को समस्त बाधाओं से मुक्ति, अकाल मृत्यु से रक्षा, रोग से मुक्ति व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है
मंत्र : “ऊं रुद्राय शत्रु संहाराय क्लीं कार्य सिद्धये महादेवाय फट्”
सावन के जिस महीने में पांच सोमवार आते हो तो पांचवे यानी पंचम सोमवार को भगवान श्री त्रयम्बकेश्वर शिव जी की पूजा आराधना करें व् शिवलिंग पर सतुआ एक मुट्ठी चढाने चाहिए ! उसके बाद पूजा क्रिया करने के बाद रुद्राभिषेक, लघु रुद्री, मृत्युंजय या लघु मृत्युंजय का जाप करना चाहिए ! ऐसा करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है !