4 मार्च को
चूरू, रतनगढ के नामी शिक्षाविद योगेश्वर भारद्वाज का स्वर्गवास दिनांक 3.3.2020 रात्रि को हो गया। 4 मार्च को उनकी र्पाथिव देह का अंतिम संस्कार रतनगढ के शिवधोरा मुक्तिधाम में किया। उनकी उम्र 80 वर्ष थी। उनके ज्येष्ठ पुत्र प्रद्युम्न भारद्वाज ने मुखाग्नि दी। भारद्वाज के भरापूरा परिवार है ज्येष्ठ पुत्र प्रद्युम्न भारद्वाज बीकानेर जिले में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी हैं। छोटे पुत्र रजनीश भारद्वाज अपना निजी व्यवसाय करते हैं। पौत्र अनिरुद्ध कृष्ण, एम बी बी एस डाक्टर है। भारद्वाज नगर के अच्छे शिक्षाविद थे। अंग्रेजी, विज्ञान मुख्य विषयों सहित विभिन्न क्षेत्रों के ज्ञाता थे। उनके देहावसान से शिक्षाक्षेत्र के स्तंभ की क्षति हुई है। उनकी अंतिम यात्रा में गोपाल प्रसाद शर्मा, दीनदयाल हरित, हंसराज हारित, डॉ सुधीर शर्मा, गौङ सेवा समिति अध्यक्ष अंबिका प्रसाद हारित, वैद्य लीलाधर शर्मा, उमेद मिश्रा, ईन्द्र चंद धर्ड, मनोज भारद्वाज, कृष्ण कांत लाटा सहित नगर के सैंकड़ो गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए और श्रद्धांजलि दी।