राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत 30 और 31 मई को सीकर जिले में बैंकों की 350 शाखाएं बंद रही, जिस कारण से व्यापारिक गतिविधियां ठप रही। इन बैंक शाखाओं में कार्यरत लगभग 2000 से अधिकारी कर्मचारी काम पर नहीं आने के कारण बैंकिंग लेनदेन नहीं हो सका । 2 दिन के हड़ताल की अवधि में लगभग 500 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। सीकर जिले में जिला मुख्यालय पर हड़ताली कर्मचारियों ने एसबीआई कोतवाली रोड़ शाखा पर नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन किय। हड़ताली बैंक कर्मियों ने सभा की व अपने 11 वें वेतन समझौते को शीघ्र संपन्न करने की मांग की । भारतीय बैंक संघ की ओर से प्रस्तावित 2 प्रतिशत वेतन वृद्धि की आलोचना की गई व इसे शर्मनाक बताया गया। बैंक कर्मी अपने आंदोलन के तहत अगले चरण में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं। उन्होंने आगाह किया कि यदि केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप करके अगर भारतीय बैंक संघ को बैंक कर्मियों का वेतन समझौता सम्मानजनक तरीके से संपन्न नहीं किया तो आंदोलन उग्र भी हो सकता है। आज पूरे देश भर में 1000000 से भी अधिक बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे जिस कारण पूरे देश की बैंकिंग गतिविधियां बंद रही। सीकर में आज के विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में बैंक अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। सभा के अंत में वक्ताओं ने सरकार से मांग की कि बैंक कर्मचारियों को उनके श्रम के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाए, बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए, बैंकों के निजी करण को रोका जाए, एनपीए की सख्ती से वसूली की जाए व श्रमिकों के हितों की रक्षा की जाए।