विद्याश्रम ग्रुप की ओर से आयोजित हमारी संस्कृति हमारी विरासत के सरंक्षण ,पोषण, एवं प्रसार के उद्देश्य से भक्त ओर भगवान के अटूट एवं अदभूत विश्वास की कथा नानी बाई रो मायरो का संगीतमय आयोजन विद्याश्रम ग्लोबल एकेडमी विनायक विहार कोलोनी, धोद रोड सीकर में आज कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ। कलश यात्रा सुबह 8,30 बजे इच्छापूर्ण बालाजी के मंदिर कवरपूरा रोड़ से रवाना होकर उत्सव स्थल विद्याश्रम ग्लोबल एकेडमी के हाल में पहुची रास्ते मे जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। साथ ही ऐसा लगा जैसे साथ में आकाशीय देवताओं सहित इंद्रदेव ने अपनी हल्की हल्की फुहारों से भी कलशयात्रा का स्वागत कर रहे है। जिससे बड़ा ही मनोरम वातावरण बन गया। उत्सव स्थल पर यजमान ताराचन्द जालान, महावीर प्रसाद पाण्डे ने पूजा अर्चना की। राजस्थानी मायड़ भाषा में संगीतमयी मायरे री कथा में व्यासपीठ से परम् विदुषी बाल व्यास मोनिका जी बीकानेर ने कहा कि भक्त और भगवान के अटूट विश्वास और प्रेम की कथा ही मायरो है। उन्होंने कहा कि अगर विश्वास हो तो पत्थर भी भगवान है नही तो वो एक सामान्य पत्थर है । विश्वास ओर भरोसे से ही हर सुख व भगवान की प्राप्ति सम्भव हैं। कलशयात्रा व कथा में आज ताराचन्द जालान ,महावीर पांडे,आर.के.लाटा, मन्जु लाटा, अनुराधा पाण्डे, रवि जालान, महावीर प्रसाद लाटा, जानकी प्रसाद इन्दोरिया,पन्नालाल सारडा, कान्ति प्रसाद पंसारी,प्रियन.आर लाटा, गोपाल पांडे,सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद रहे।