जिलेभर में मुस्लिम समुदाय ने ईद-उल-फितर का त्यौहार अकीदत के साथ मनाया। शहर की ईदगाह में सुबह 8 बजे ईद की मुख्य नवाज अदा की गई। यहां शहर इमाम हाफिज मोहम्मद इब्राहिम ने नवाज अदा करवाई। रोजेदारों व नवाजियों ने मुल्क में अमन-चैन की दुआ मांगी। नमाज के बाद मुबारकवाद देने का सिलसिला शुरू हुआ जो रात तक जारी रहा। मुस्लिम भाईयों ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। बाजारों में दिनभर महिलाओं व बच्चों की चहल-पहल देखने को मिली। सभी लोग सुबह से ही नए कपड़े पहनकर सज-धज कर तैयार हो गए। जामा मस्जिद के शाही इमाम ने नवाज के बाद रोजों का महत्व बताते हुए कहा कि ईद रमजान में अल्लाह की ईबादत का ईनाम है। ईद की नवाज रोजे का शुक्रआना है। इस मुबारक दिन अल्लाह अपने बंदों पर ज्यादा मेहरबान होता है। रहमतों का खजाना खोल दिया जाता है। मुस्लिम मोहल्लों में दिनभर मेले व उल्लास का माहौल रहा। घरों में खीर व सेवाइया बनाई गई। बच्चों से लेकर बड़ों ने ईदी लेकर त्यौहार का लुफ्त उठाया। इस दौरान शहर के बाजारों में खासी रौनक देखने को मिली। इस दौरान जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों व मुस्लिम धर्मावंलबियों ने भी सभी को ईद की मुबारकबाद दी।
रोशनी में नहाई मस्जिदें – ईद के मौके पर एक-दो दिन पहले से ही शहर की मस्जिदों को दुल्हन सा सजाया गया। मस्जिदें रातभर रोशनी से जगमग रही। शहर के मोहल्ला बिसायतियान में नगीना मस्जिद, मोहल्ला कुरैशियान में मक्का मस्जिद में शानदार सजावट की गई। इसके अलावा मोहल्ला नारवान और फतेहपुर रोड़ की अनेक मस्जिदों में भी अच्छी सजावट रही। कई मस्जिदों की सजावट तो देखते ही बन रही थी।
पुलिस का कड़ा पहरा-ईद का त्यौहार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मनाया गया। धार्मिक स्थलों पर पुलिस की पैनी नजर और लगातार नाकाबंदी कर वाहनों की जांच की गई। सीकर की प्रमुख जामा मस्जिद जाने वाले सभी रास्तों पर सुबह से ही पुलिस तैनात रही। इसके अलावा शहर के पूरे क्षेत्र में संदिग्ध स्थानों पर नजर रखी गई। नवाज के बाद शहर में दिनभर पुलिस व्यस्त रही।