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सिंघाना में गौशाला में मृत बछड़े को कचरे के ढ़ेर में फेंकने को लेकर बजरंग दल ने किया विरोध

बजरंग दल, विहिप व हिन्दु क्रान्ति सेना के युवक विरोध प्रदर्शन करते हुए

सिंघाना[कृष्ण कुमार गाँधी ] कस्बे के श्री कृष्ण गोशाला में मृत बछड़े को खुले में कचरे में डालने पर बजरंग दल, विहिप व हिन्दु क्रान्ति सेना के सदस्यों ने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। जानकारी के अनुसार शनिवार को गोशाला में एक बछड़े की मौत हो गई जिसे गौशाला संचालकों ने बाहर खुले में कचरे के ढ़ेर में फिंकवा दिया। सुचना पर पहुंचे बजरंग दल सिंघाना अध्यक्ष बाबुलाल नायक के नेतृत्व में विश्व हिन्दु परिषद व हिन्दु क्रान्ति सेना के दीपक नायक, गौरव अग्रवाल, रवि मीणा, अजय नायक, विरेन्द्र, मैक्स, विशाल, बादल सहित सैकड़ों युवकों ने गौशाला संचालकों के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया वहीं मृत बछड़े को वहां से उठाकर पुरे विधि विधान शव यात्रा निकालकर उसको दफनाया। उन्होनें बताया कि गुरूवार शाम को ही इस जख्मी बछड़े गौशाला में छोड़ के आए थे यहां पर किसी भी आवारा गाय को नही रखा जाता है जब भी किसी आवारा, दुर्घटना ग्रस्त या बीमार गाय, बछड़े को गौशाला में लेकर जाते है तो कहा जाता है कि यह कोई धर्मशाला नही है यहां सिर्फ दुध देने वाली गायें रखी जाती है। कई बार ऐसे मामले सामने आए है किसी भी गाय या बछड़े को वहां छोडक़र आते है दुसरे दिन ही उसकी मौत हो जाती है वहां पर आवारा पशुओं की कोई देखभाल नही की जाती है।
-गऊशाला के नाम पर लिया जाता है चंदा

खुले में कचरे में पड़ा मृत बछड़ा

ग्रामीणों का कहना है कि गऊशाला के नाम पर कस्बे से चंदा भी इकट्ठा किया जाता है लेकिन आवारा गायों की कोई देखभाल नही की जाती है। कस्बे में सभी दुकानों पर गोशाला दानपात्र रखवा रखे है जिनमें एकत्रित राशि को हर महीने गाऊशाला का कर्मचारी एकत्रित करता है वहीं लोगों से रसीद काटकर भी चंदे की उगाही की जाती है। पुछने पर गऊशाला प्रबंधक कहते है कि हम अपने खर्चे पर गऊशाला का प्रबंधन करते है। किसी का कोई सहयोग नही है। इस बात को लेकर ग्रामीणों में रोष बना हुआ है कि ये लोग गऊशाला के नाम पर चंदा भी लेते है और आवारा पश्ुाओं की कोई देखभाल भी नही करते।
-स्वच्छता अभियान की उड़ा रहे है धज्जियां
बजरंग दल व हिन्दु क्रान्ति सेना के युवकों का कहना है कि गऊशाला को चलाने वाले लोग ठीक से प्रबंधन नही कर पा रहे है। मृत गऊओं को खुले में ही डाल देते है जिससे गोमाता के मृत शरीर का अपमान होता है, कस्बे में गंदगी तो फैलती ही है प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

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