श्री सदाफल फार्म हाउस के भव्य धर्म प्रवचन पंडाल में
रतनगढ़, श्री संकटमोचन बालाजी धाम के सामने श्री सदाफल फार्म हाउस के भव्य धर्म प्रवचन पंडाल में शनिवार रात्रि संत विज्ञान देव महाराज ने सर्ववेद कथा को विस्तार से बताते हुए कहा कि सर्ववेद का पठन हमारे भौतिक जीवन में स्थिरता ला देता है। इसके पठन से आत्मा में शुभ संस्कार जागृत होते है व आध्यात्मिक चेतना परमात्मा की ओर लग जाती है। उन्होंने विहंगम योग ध्यान साधना की पांच श्रेणियां बताते हुए कहा कि साधना से हमारा मनोबल बढता है, निर्णय क्षमता बढ़ती है, इसके अभ्यास से मन में सकारात्मक तरंगों का विकास होता है और मनुष्य को मानसिक शांति मिलती है। भीतर का अंधेरा दूर होकर ज्ञान का प्रकाश होता है। महाराज ने उपस्थित हजारों साधकों को विहंगम योग की प्रथम क्रिया करते हुए कहा कि हमारी आत्मा के अंदर परमात्मा का निवास है, समय का घोड़ा दौड़ा जा रहा है, समय किसी की प्रतिक्षा नहीं करता है, समय रहते हमें साधना जीवन उत्थान में लगना चाहिए। गायत्री मंत्र का अनेकों बार उच्चारण कराते हुए बताया कि यह मंत्र वेदों का सर्व शक्तिशाली मंत्र है। मंत्रों के उच्चारण से आत्मबल बढ़ता है, शांति की प्राप्ति होकर मानसिक विकास होता है। आसन-प्राणायाम के साथ साथ साधना जोड़ देने पर योग परिपूर्ण हो जाता है। आजकल तनाव के कारण बीमारियां व रोग बढ़ रहे हैं उन्होने स्पष्ट किया कि तनाव कोई बीमारी नहीं, यह एकमात्र लक्षण है। मनुष्य के मन की आंतरिक दुर्बलता, नकारात्मक चिंतन से तनाव बढ़ता है। मन पर नियंत्रण नहीं होने से शरीर अस्वस्थ होता है। विहंगम योग से हमारा मन पवित्र शुद्ध होता है तथा तनाव आदि बीमारियां स्वत: ही दूर हो जाती है। धर्म सम्मेलन को संबोधित करते हुए कथा आयोजक साधक दिनेश शर्मा ने बताया कि प्राचीन समय में जो ऋषि मुनि कथा करते थे उसी का सार सर्ववेद है। उन्होंने आयोजन में सहयोगी रहे साधकों, पंडाल, माइक, प्रचार प्रसार व मीडिया बंधुओं का आभार प्रकट करते हुए उनके उत्थान की कामना की। कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व सर्ववेद की संगीतमय अमृत कथा का सामूहिक गान किया गया।