सूरजगढ़ विधानसभा के बसपा प्रत्याशी कर्मवीर यादव के समर्थन में बुहाना के खेल मैदान में सोमवार को आयोजित जनसभा में भारी जनसैलाब उमड़ा। बसपा सुप्रीमो मायावती करीब दोपहर 1 बजे मंच पर पहुंची। पहुंचते ही हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन कर झुंझुनंू जिले के सातों सीटों के प्रत्याशियों का परिचय करवाया। मायावती ने अपने भाषण में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को आड़े हाथ लेना शुरू किया। उन्होंने कहा की दलितों,आदिवासियों, गरीबों व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जो कानून बना है उसको सरकारें प्रभावहीन बनाने की कोशिश कर रही है ज्यादातर सत्ता इन्हीं दोनों पार्टियों में बीच रही है उन्होंने न तो मुस्लिमों ना ही अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की हालत में अभी तक सुधार किया है। अब अपर जाति के गरीबों की हालत भी अभी तक खराब है। हमने गरीब लोगों को भी अलग से आरक्षण के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी कई बार लिखी है लेकिन भाजपा सरकार ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी भी अपनी समस्याओं के लिए दुखी व पीडित है जिसमें किसान सबसे ज्यादा पीडित हैं। सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से डीजल व पेट्रोल की कीमतें बढ रही है। नोट बंदी के गलत फैसले से अर्थव्यवस्था खराब हो गई है। कांग्रेस व भाजपा ने जो भी वादे किए थे वह पूरे नहीं किए हैं। दलितों के पदोन्नति आरक्षण पर भी अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है साथ ही कहा की आरक्षण पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है। जातिगत मानसिकता से हमारी पार्टी को संघर्ष करना पड रहा है बीजेपी भी नहीं चाहती कि दलित बढे। बसपा की वजह से ही भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न दिया गया अन्यथा सरकार नहीं देना चाहती थी। देश में सरकार कुछ गिने – चुने धन्ना सेठो व पूंजीपतियों का अधिकार है। सिर्फ पूंजीपतियों का ही विकास हो रहा है। गरीबी बेरोजगारी को दूर करने में कांग्रेस व भाजपा ने कोई योजना नहीं बनाई न बेरोजगारी दूर हुई है और न ही भ्रष्टाचार दूर हुआ है । राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है देश के अधिकतर राज्यों में सत्ता गलत पार्टियों के हाथों में रही है ज्यादातर पूंजीपतियों व धन्ना सेठों की वजह से ही सत्ता में आती है। बसपा पार्टी कार्यकर्ताओं की पार्टी है उन्हीं की मदद से पार्टी बढ़ती है बसपा सर्व समाज के हितों का ध्यान रखती है हमारी पार्टी ने ही दलित सिद्धांतों के महापुरुषों का सम्मान किया। जिसको यह सरकारें पचा नहीं पा रही हैं। पार्टी आम जन में सर्वजन सुखाय व सर्वजन हिताय के नारे के रूप में कार्य कर रही है। इन चुनावों में भी प्रलोभन वाले घोषणा पत्र जारी करेंगे। उनके बहकावे में नहीं आना है वोट बसपा पार्टी के उ मीदवारों को ही देना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था 100 दिन के अंदर 15 लाख रूपए दिए जाएंगे। लेकिन 5 वर्ष के बाद भी चुनावी वादे पूरे नहीं किए गए। गरीब मजदूरों व किसान मेहनतकस का अभी तक भी विकास नहीं हुआ है कांग्रेस व वर्तमान बीजेपी की सरकार ने इन के लिए कोई कार्य नहीं किए जो वायदे किए थे वह भी नहीं पूरे किए गए। सभा में बसपा के सतीश मिश्रा सहित राजस्थान बसपा के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। बसपा की सभा में महिलाओं की संख्या भी बहुतायत में थी महिलाएं हाथों में बसपा पार्टी का झंडा लिए सभा स्थल पर आ रही थी। गाडियों में गीत गाती व पार्टी के पक्ष में नारे भी लगा रही थी बसपा की जनसभा में उमडी भीड के बाद लोग अलग अलग कयास लगाने शुरू कर दिए कई लोगों ने बताया भीड़ एतिहासिक थी। इस भीड के बाद दोनों ही पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस को सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है रैली से पहले जहां बसपा प्रत्याशी को तीसरे नंबर का मान रहे थे लेकिन इस भीड के बाद अब त्रिकोणीय संघर्ष में जरूर चुनावी मुकाबला होने के कयास लगने शुरू हो गए।