जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव एवं जिला प्रमुख सुमन रायला के आतिथ्य में जिला परिषद सभागार में बुधवार को केन्द्र सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की ओर से जिले की ग्राम पंचायतों में एक अगस्त से 30 अगस्त-18 तक आयोजित होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 के शुभारंभ पर एक कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान जिले में केन्द्र सरकार द्वारा गठित टीम जिले की 10 ग्राम पंचायतों का निरीक्षण करेंगी तथा सर्वश्रेष्ठ पंचायत को पुरस्कृत किया जायेगा। जिला कलक्टर ने बताया कि सर्वेक्षण में स्वच्छता के विभिन्न मापदण्डों के अनुसार स्कूल, आगंनबाडी केन्द्र, पीएचसी, हाट बाजार, धार्मिक स्थल आदि का सर्वेक्षण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छता के विषय पर समुदाय की समझ एवं स्वच्छता की स्थिति बेहतर बनाने के संबंध में समुदाय की सिफारिशों तथा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के आनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम पर दर्ज अांकड़ों की स्थितियों के आधार पर जिलों एवं राज्य में स्वच्छता एवं साफ-सफाई की स्थिति की रैकिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्वच्छता के संबंध में नागरिकों के नजरिये में बदलाव एवं कार्यक्रम में सुधार के लिए उनकी राय के पैरामीटर एवं एसबीएम-जी आईएमआईएस डेटा पर आधारित होगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 के घटक में सिटीजन फीडबैक 35 प्रतिशत, प्रत्यक्ष अवलोकन 30 प्रतिशत एवं सम्पन्न कार्यों की प्रगति (ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार) 35 प्रतिशत रखी गई है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से जिले में बडे़ पैमाने पर शौचालय बने हैं, जिससे गांवों के लोगों की मानसिकता बदली है कि हमें खुले में शौच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों एवं सार्वजनिक स्थलों में शौचालय बनने से निरन्तर सुधार हुआ है।