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एक ऐसा सरकारी विद्यालय जिसे नव प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों को करना पड़ रहा है मना

अध्यापक एवं संसाधनों की कमी के कारण प्रवेश से वंचित है विद्यार्थी

दांतारामगढ़ [प्रदीप सैनी ] एक और जहां शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालय में नामांकन के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहा हैं। वहीं सीकर जिले में एक विद्यालय ऐसा है जहां मजबूरन नव प्रवेश लेने से विद्यार्थियों को मना किया जा रहा हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं दांता के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की, जहां नामांकन संख्या नौ सौ को पार कर गई है जबकि विद्यालय में संसाधन व अध्यापक सीमित मात्रा में हैं। दांता के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में नव प्रवेश लेने के लिए आने वाले विद्यार्थियों को अब जगह नहीं होने एवं संसाधन नहीं होने का हवाला देकर मना किया जा रहा हैं। सरकार की ओर से 10{44d7e8a5cbfd7fbf50b2f42071b88e8c5c0364c8b0c9ec50d635256cec1b7b56} नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन दांता के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में नामांकन का लक्ष्य 50{44d7e8a5cbfd7fbf50b2f42071b88e8c5c0364c8b0c9ec50d635256cec1b7b56} को भी पार कर गया है और इसके बावजूद अभी तक प्रवेश लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। दांता के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 2 साल पहले जहां नामांकन 197 विद्यार्थियों का था वह आज दो साल में ही बढ़कर करीब 900 को पार कर गया हैं। इस सत्र में करीब 400 विद्यार्थियों का नव नामांकन हुआ हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य केसर सिंह खींचड़ ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों का स्टाफ 200 विद्यार्थियों के अनुपात में लगाया हुआ है जबकि विद्यालय में वर्तमान में 900 विद्यार्थी हैं। इसलिए पहले तो स्टाफ की कमी है वहीं दूसरी विद्यालय में कमरों की कमी हैं। कमरे कम होने के कारण कॉमन कक्षाओं को बाहर पेड़ के नीचे बैठना पड़ रहा हैं। उन्होंने बताया कि नव प्रवेश लेने वालों की बढ़ती संख्या को देखकर विद्यालय में टेस्ट लेकर प्रवेश दिया जा रहा हैं। इसके बावजूद भी नव प्रवेश लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण मजबूरन विद्यार्थियों को मना करना पड़ रहा हैं।

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