झुंझुनूताजा खबर

कोविड-19 का मुकाबला करने में झुंझुनूं के जरूरतमंदों के साथ खड़ा है रेवाड़ परिवार

बड़ा भाई राजेश स्वास्थ्य सेवाएं तो छोटा भाई दीपक पहुंचा रहा है हर जरूरतमंद तक खाद्य सामग्री

झुंझुनूं, जिले में जब भामाशाह, जनसेवा, समाजसेवा, स्वास्थ्य सेवा की बात होती है तो शहर के गांधी नगर बस्ती में रहने वाले भामाशाह प्यारेलाल रेवाड़ के परिवार का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। चाहे विभिन्न प्रकार से जिला प्रशासन के सहयोग की बात हो या स्वास्थ्य सेवा व आमजन से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के निराकरण की बात हो, रेवाड़ परिवार सहयोग करने वालों में प्रथम पंक्ति में सदैव खड़ा नजर आता है। आज जहां पूरे विश्व के साथ हमारा पूरा देश-प्रदेश कोरोना जैसी विश्व व्यापी महामारी की चपेट में है और इसके मुकाबले के लिए समाज का हर वर्ग जूझ रहा है। इस दौर में भी यह रेवाड़ परिवार समाज के गरीब वर्ग के साथ मजबूती के साथ खड़ा है। जहां बड़ा भाई आरआर अस्पताल निदेशक राजेश रेवाड़, जिन्होंने इस कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते अपने अस्पताल में सरकार के निर्देशानुसार आईसोलनेश वार्ड, आईसीयू सुविधा एवं 24 घंटे आपातकालिन सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ हर वार्ड में निःशुल्क मोबाइल मेडिकल वैन भेज रहे हैं जो निःशुल्क जांच व दवा उपलब्ध करवा रही है। वहीं दूसरे भाई दीपक रेवाड़ जो दोहा-कतर में तेल उत्पादन कम्पनी नोर्थ ओइल में सप्लाई चैन सुपरवाइजर है, इस आपदा की स्थिति में हर जरूरतमंद तक खाद्य सामग्री पहुंचाने कि जिम्मेवारी उठा रखी है। दीपक रेवाड़ 22 मार्च को विदेश से आए। जब तक कोरोना वायरस दुनिया के अधिकांश देशों को अपनी गिरफ्त में ले चुका था। भारत सरकार ने भी कोरोना वायरस से निपटने के लिए 24 मार्च को लॉक डाऊन की अधिकारिक घोषणा कर आमजन को अपने घरों से बाहर नही निकलने की सलाह दे दी थी। विदेश से आए दीपक रेवाड़ ने सर्वप्रथम सरकार के आदेशों की पालना में अपने आपको आइसोलेट किया और आवश्यक जांच करवाई। जब देखा कि क्षेत्र के सैकड़ों गरीब परिवार जो लॉक डाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरी, पानी पुरी बेचने वाले, स्थानीय स्तर पर सब्जी बेचने वाले, चप्पल-जूतों की मरम्मत करने वाले, टेम्पू-टैक्सी वाले आदि लोगों के सामने अपने पेट भरने की विकराल समस्या पैदा हो गई है। लॉक डाउन के चलते यह गरीब समुदाय घर से बाहर सहायता लेने के लिए भी नही निकल पा रहा है। जब यह समस्या दीपक रेवाड़ ने समझी तो उन्होंने समस्या के समाधान के लिए सोशल मिडिया के माध्यम से 34 कर्मठ कार्यकर्ताओं की एक मजबूत टीम बनाई और मदद के लिए अपने कार्य क्षेत्र के रूप में वार्ड नंबर 1,2,4,5,7 व 60 को चुना। दीपक रेवाड़ ने अपनी टीम के माध्यम से उपरोक्त सभी वार्डो के गरीब तबके के लोगों के लिए तैयार भोजन दिन में दो बार हर जरूरतमंद तक पहुंचाना शुरू कर दिया। साथ ही सूखी खाद्य सामग्री के रूप में आटा, चावल, दाल, चाय, चीनी, नमक, तेल व मसालों के पैकेट चिन्हित घरों में नियमित रूप से देने प्रांरभ कर दिए। जहां एक ओर झुंझुनूं शहर के कुछेक दानदाताओं को छोडक़र अन्य सक्षम लोगों ने अपने आपको घरों में कैद कर लिया। इसी दौरान इस विकट परिस्थति में दीपक रेवाड़ ने गरीबों की सहायता के लिए जो कदम उठाया। उसकी जितनी सराहना की जाए उतनी ही कम है। राहत सामग्री के साथ-साथ दीपक रेवाड़ लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रहे है। जिससे गरीब जनता पर आर्थिक बोझ कम हो सके। दीपक रेवाड़ का कहना है कि ऐसी परिस्थतियों में हमे आपसी मतभेद भूलाकर गरीब की सहायता के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढऩा होगा। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को भी सख्त निर्देश दिए है कि वे किसी जरूरतमंद की फोटो सोशल मीडिया पर काम में नही ले। दीपक रेवाड़ नगरपरिषद द्वारा गठित समन्वय समिति के संयोजक के रूप में कार्य कर रहे हैं। प्रचार-प्रसार से दूर, ना फोटो-सेल्फी, ना सोशल मीडिया वायरल, बस शांति से पीड़ित मानवता की सेवा ही लक्ष्य है रेवाड़ परिवार का।

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