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चिरंजीवी योजना के बीमा पॉलिसी धारक एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने से पूर्व ही पॉलिसी को रिन्यू करवाएं

पॉलिसी रिन्यू करवाने पर ही मिल सकेगा एक मई से योजना का लाभ

सीकर, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के बीमा पॉलिसी धारकों को अब एक वर्ष की बीमा अवधि पूर्ण होने से पूर्व ही नए पॉलिसी वर्ष में पॉलिसी को रिन्यू करवाना होगा। तभी उन्हें इस वित्तीय वर्ष में 1 मई से योजना का लाभ मिल सकेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिन परिवारों ने पिछले वर्ष अप्रेल में योजना के अन्तर्गत रजिस्ट्रेशन करवाया था। उनकी बीमा पॉलिसी अवधि को अब एक वर्ष पूर्ण हो गया है। ऐसे में पॉलिसी खत्म होने वाली है, तो उन्हें योजना का लाभ जारी रखने के लिए बीमा पॉलिसी की अवधी खत्म होने से पहले ही जल्द से जल्द ई-मित्र केंद्र के माध्यम से पॉलिसी को रिन्यू करवा लेना चाहिए ताकि 1 मई से योजना का लाभ मिल सके। एक वर्ष पूर्ण होने के बाद रिन्यू या रजिस्ट्रेशन करवाने पर नियमानुसार 3 महीने बाद ही योजना का लाभ मिल सकेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ चौधरी ने बताया कि योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियमि (एनएफएसए) के पात्र परिवार और सामाजिक आर्थिक जनगणना (एसइसीसी) के अन्तर्गत आने वाले परिवारों को दोबारा पॉलिसी को रिन्यू करवाने की जरूरत नहीं हैं। लेकिन शेष सभी अन्य परिवारों को बीमा पॉलिसी रिन्यू करवानी पड़ेगी। इसमें संविदा कर्मी, कोविड-19 से असहाय एवं निराश्रित परिवारों एवं लघु सीमान्त कृषक भी शामिल हैं। इनका इस वर्ष भी पूरा प्रिमियम राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी, जबकि शेष अन्य परिवारों को 850 रूपए की प्रीमियम राशि का भुगतान कर बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण करवाना होगा। उन्होंने जिले के उन परिवारों से भी योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने की अपील की हैं जिन्होने अभी तक एक भी बार योजना में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है।

योजना में अब ₹ 10 लाख तक का निःशुल्क इलाज
सीएमएचओ डॉ चौधरी ने बताया कि बजट घोंषणा 2022-23 के अनुसार 1 अप्रैल से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में निःशुल्क इलाज का बीमा कवर लाभ भी अब 5 से बढ़ाकर अब 10 लाख रूपए प्रति परिवार कर दिया गया है। साथ ही योजना का दायरा भी बढ़ाया गया है, जिसमें कॉकलियर, इंप्लांट, बोन मैरों, ट्रांसप्लांट, आर्गन ट्रांसप्लांट, ब्लड प्लेट्लेट्स और प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन, लिंब प्रोस्थेसिस का मंहगा इलाज भी अब निःशुल्क हो सकेगा। इसके अलावा बजट घोंषणा में चिरंजवी कार्ड नहीं होने पर भी असहाय व निराश्रित परिवार के जरूरतमंद मरीजों के निःशुल्क इलाज के लिए जिला कलेक्टर को अधीकृत किया है।

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