झुंझुनूताजा खबर

पेयजल नहीं मिलने और फ़सलों के जलने का मामला पहुँचा उपभोक्ता आयोग

जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष मनोज मील के समक्ष उपभोक्ता संगठनों ने रखी आमजन की पीड़ा

सुचारू पेयजल आपूर्ति करना जिला प्रशासन का नैतिक दायित्व: मील

कहा- विद्युत लाईन में फॉल्ट आने के चलते किसानों की फसलों में आग लगने के मामले में मुख्य सचिव को लिखा जाएगा अर्ध शासकीय पत्र

झुंझुनूं, जिले में विभिन्न इलाकों में पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं होने एवं किसानों की फसल जलने के बढ़ते मामलों को लेकर जिले में सक्रिय उपभोक्ता संगठनों ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग को समस्या से अवगत करवाया है। संगठनों ने आयोग अध्यक्ष मनोज मील के समक्ष आमजन व किसानों की पीड़ा रखते हुए बताया कि जलदाय विभाग आमजन से पेयजल बिल की रकम वसूल रहा है। राज्य और केंद्र सरकार के भी लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं, उसके बाद भी समय पर पेयजल की सुचारू आपूर्ति नहीं हो रही है। जलदाय विभाग और प्रशासन की लापरवाही के चलते लाखों क्यूबिक लीटर पानी सड़कों व आम रास्तों पर व्यर्थ बह रहा है। जिससे कीचड़ फैल रहा है, वहीं जरुरतमंद इलाकों में आमजन बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष मील ने समस्या को जायज मानते हुए कहा कि जिले में सुचारू पेयजल आपूर्ति करना जिला प्रशासन का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा पेयजल के लिए प्रदर्शन करना भी निराशजनक व चिंताजनक है, हालांकि जिला प्रशासन आमजन के हित में लगा हुआ है। अगले 2 सप्ताह में भी यदि स्थिति में सुधार नहीं आता है, तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

फसलों में आग लगने को लेकर एडवाईजरी जारी की जानी चाहिए: मील

उपभोक्ता संगठनों ने समस्या रखी कि जिले में मेंटेनेंस के नाम पर लगातार भारी कटौती के बाद भी विद्युत लाइनों में फॉल्ट से निकली चिंगारी से किसानों की फसलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। जिस पर आयोग अध्यक्ष मनोज मील ने उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों से समझाईश करते हुए कहा कि जिले में विद्युत लाईन में फॉल्ट से चिंगारी उठने से फसलों में आग लगने की लगातार बढ़ती घटनाओं को लेकर राज्य सरकार के मुख्य सचिव को अर्ध शासकीय पत्र लिखकर इस संबंध में सुरक्षा उपायों व समाधान की एडवाईजरी जारी करवाने के लिए लिखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस तरह की दुर्घटनाओं में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के नियमानुसार मुआवजे का प्रावधान है, जिसके तहत परिवाद दर्ज कर नियमानुसार निस्तारण किया जाएगा।

“पेयजल एवं फसल जलने के मुद्दों पर अभी परिवाद दर्ज नहीं कर उपभोक्ता संगठनों से समझाईश की गई है। यदि 2 सप्ताह में भी स्थिति में सुधार नहीं आता है, तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। फसल जलने के मामले में भी एडवाईजरी जारी करवाने के लिए मुख्य सचिव को अर्ध शासकीय पत्र लिखा जाएगा।”

  • मनोज मील, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, झुंझुनूं

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