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सीकर, यूआईटी सचिव जगदीश प्रसाद गौड़ ने बताया कि नगर विकास न्यास सीकर द्वारा रामू का बास तिराहे से रीकों तिराहे तक सर्विस लेन सड़क, फुटपाथ, डिवाईडर व अन्य विकास कार्य का कार्य किया जा रहा है। इस सड़क का मार्गाधिकार 45.0 मीटर (150 फीट) है तथा इसी चौड़ाई में पूर्व में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा भूमि अवाप्त की गई। यह सड़क मास्टर प्लान की सड़क है। नगर विकास न्यास द्वारा यह सम्पूर्ण कार्य पूर्व में अवाप्तशुदा चौड़ाई में ही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अवाप्तशुदा सड़क भूमि के मार्ग में भूखण्डधारियों, काश्तकारों, प्रतिष्ठानों द्वारा सरकारी, सार्वजनिक सड़क पर रैम्प, टीनशेड, थड़ियाँ, बेरीकेड्क्स, चबुतरा आदि स्थाई, अस्थाई अतिक्रमण के रूप में किया जाना पाया गया है।
राजस्थान नगर सुधार अधिनियम, 1959 के अधीन बनाये गये नियमानुसार सीकर के नगरीय क्षेत्र के लिये तैयार किये गये मास्टर प्लान-2031 का अनुमोदन किया गया है।
राजस्थान नगर सुधार अधिनियम (अधिनियम संख्या 35 सन् 1959) की धारा 92ए के अन्तर्गत एक दण्डनीय अपराध है, जिस के लिए 3 वर्ष तक का साधारण कारावास (जो 3 महीने से कम नहीं होगा) से दण्डनीय घोषित किया गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर द्वारा डी.बी. सिविल रिट याचिका (पी.आई.एल.) संख्या 1554/2004 गुलाब कोठारी बनाम् राजस्थान सरकार व अन्य में पारित अन्तरिम आदेश 12 जनवरी 2017 को दिये गये विस्तृत दिशा-निर्देशानुसार सार्वजनिक रास्तो को किसी भी प्रकार का कच्चा पक्का, स्थायी अस्थायी,फेन्सिंग को हटाने के निर्देश प्रदत्त किये गये है। उन्होंने सर्वसाधारण को सूचित किया है कि इस सड़क मार्गाधिकार में किये गये अतिक्रमण स्थल, भाग को स्वयं के स्तर पर 7 दिवस में हटा लेवें अन्यथा तय समय उपरान्त नगर विकास न्यास द्वारा अतिक्रमण हटाकर हर्जा-खर्चा अतिक्रमियों से वसूला जायेगा।