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वात्सलय अभियान : अनाथ बच्चों को मिलेगा परिवार

झुंझुनूं, बाल अधिकारिता विभाग द्वारा वात्सलय अभियान ‘‘परिवार हर बच्चे का अधिकार’’ के तहत जिले के 0 से 18 वर्ष तक की आयु के पारिवारिक देखरेख से वंचित बच्चों को व्यक्तिगत पालन पोषण देखरेख प्रदान करने वाले पोषक माता-पिता के माध्यम से पारिवारिक माहौल उपलब्ध करवाया जाएगा। जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग झुन्झुनूं के सहायक निदेशक डॉ. पवन पूनियां ने बताया कि इस अभियान से पारिवारिक देखरेख से वंचित ऎसे बच्चे जिनकी परित्यक्त माता मानसिक रूप से बीमार अथवा विशेष योग्यजन महिला है तथा मनोचिकित्सा केन्द्र में उपचाराधीन है या महिला सदन या नारी निकेतन में आवासरत है एवं वह अपने बच्चों की देखरेख के लिए असमर्थ है, ऎसे माता-पिता जो एच.आई.वी. एड्स, कुष्ठ रोग, थैलेसीमिया से ग्रसित होने के कारण शारीरिक एवं आर्थिक रूप से बच्चे के देखरेख में अक्षम है या उनकी मृत्यु हो चुकी है अथवा ऎसे बच्चे जो स्वयं उपरोक्त बीमारी से ग्रसित है तथा उनके परिवार, निकट रिश्तेदारी में देखरेख करने वाला कोई नहीं है या ऎसे बच्चे जो बाल देखरेख संस्थान में आवासरत है अथवा ऎसे बच्चे जो परिवार में घरेलू हिंसा से पीड़ित अथवा प्रभावित है या किन्हीं पारिवारिक स्थितियों के कारण जैविक परिवार में परवरिश सम्भव नहीं हैं अथवा ऎसे बच्चे जिनके माता या पिता कारागृह में विचाराधीन बंदी या सजायाफ्ता है तथा जैविक परिवार में कोई देखरेख करने वाला नहीं है अथवा अन्य देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को स्नेह, देखरेख, स्वास्थ्य एवं अपनत्व की पूर्ति परिवार के माध्यम से करवाने के लिए पोषक माता-पिता बनने विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गये है। बाल अधिकारिता विभाग, झुन्झुनूं के अधीन संचालित राजकीय किशोर गृह में अनाथ श्रेणी के 2 बालक वर्तमान में आवासरत हैं।

व्यक्तिगत पालन-पोषण देखरेख प्रदान करने वाले पोषक माता-पिता (परिवार) का चयन निर्धारित मापदण्डों के आधार पर किया जायेगा जिसमें भावी पोषक माता-पिता भारतीय नागरिक हो तथा विगत दो वर्ष से राजस्थान में निवासरत हो, पोषक माता-पिता (पति-पत्नी) के मध्य न्यूनतम 02 वर्ष का स्थाई वैवाहिक सम्बन्ध हो, आयकरदाता होने चाहिए, भावी पोषक माता-पिता की अधिकतम संयुक्त आयु 120 वर्ष से अधिक ना हो, एकल महिला/पुरूष की स्थिति में न्यूनतम आयु 35 वर्ष एवं अधिकतम आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, एकल पुरूष किसी बालिका को पालन पोषण देखरेख में लेने के पात्र नहीं होंगे तथा भावी पोषक माता-पिता का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए, शारीरिक, भावनात्मक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिये तथा भावी पोषक परिवार के पास बच्चों की जरूरतों की पूर्ति के लिये पर्याप्त स्थान एवं सुविधायें उपलब्ध होनी चाहिए। सरकार द्वारा व्यक्तिगत पालन-पोषण देखरेख के पोषक परिवार को राशि रूपये 4 हजार प्रति माह प्रति बच्चे की वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। इच्छुक पोषक माता-पिता इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालय सहायक निदेशक, जिला बाल सरंक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग, झुन्झुनूं में सम्पर्क कर सकते हैं।

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