झुंझुनूताजा खबर

विचारों में विकृतियों से नष्ट होते संस्कार- कन्हैयालाल बैरवा

कार्यक्रम के दौरान मौजूद आरएसएस स्वयं सेवक

सूरजगढ़ [के के गाँधी ]विचारों में विकृतियां आने से पौराणिक संस्कार नष्ट हो रहे है यह बात रविवार को वार्ड नं 16 के सामुदायिक भवन में आयोजित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के डॉ. भीमराव अंबेडकर विचार मंथन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि पूर्व आईपीएस आरपीएससी चेयरमैन व डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन राजस्थान के निदेशक कन्हैया लाल बैरवा ने कही। बैरवा ने बाबा साहेब के योगदान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा नव भारत के निर्माण में उनके विचखरों को रेखांकित किया। समारोह को संबोधित करते हुए बैरवा ने बताया कि पहले हिन्दु धर्म की विचारधारा सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: पर आधारित था गाय के लिए रोटी, चिटियों को दाना, पक्षियों के लिए पानी, पेड़ पौधों में पानी डालने की परंपरा थी लेकिन कालांतर में कुछ विकृतियां आई और पौराणिक संस्कार नष्ट होने लगे। इस मौके पर मोतीलाल डिग्रवाल, भाजयूमों कजला महामंत्री संजय गोयल, पूर्व चेयरमैन नरेश वर्मा, सुरेन्द्र सिंह तंवर, राजेन्द्र शर्मा, पूर्व चेयरमैन पार्वति देवी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button