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Video News – अग्निपथ योजना : अब सेना में एनसीसी से ज्यादा तवज्जो आईटीआई को

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एसएमटीआई कॉलेज बगड़ में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित लैब में तैयार किए जाते हैं आईटीआई स्टूडेंट

शिव ओंकार माहेश्वरी तकनीकी संस्थान आईटीआई कॉलेज के सीईओ विकास खटोड़ ने दी जानकारी

झुंझुनू, केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर आईटीआई के विद्यार्थियों में इस समय उत्साह का माहौल है। जब से यह जानकारी सामने आई है कि अग्निवीर के लिए आईटीआई के छात्रों को सरकार बड़ा लाभ देने जा रही है। इसके तहत आईटीआई के छात्रों को 40 अंक बोनस के दिए जाएंगे जो कि एनसीसी से भी ज्यादा है। इस खबर के बाद तो मानो आईटीआई के विद्यार्थियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दसवीं के पश्चात 2 वर्षीय आईटीआई करने पर छात्रों को 12वीं विज्ञान वर्ग की समकक्षता मिलेगी साथ ही छात्रों के 2 सालों की बचत भी होगी छात्र के 2 साल में आईटीआई ट्रेड सर्टिफिकेट तो प्राप्त होगा साथ ही 12वीं भी हो जाएगी। वही जानकारी के अनुसार आईटीआई के पास होते ही 1 साल सरकार द्वारा राष्ट्रीय प्रशिक्षण योजना के तहत रोजगार प्राप्त होगा जिसमें छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसकी एवज में सरकार द्वारा छात्रों को भुगतान किया जाएगा। बगड़ कस्बे में स्थित शिव ओंकार माहेश्वरी तकनीकी संस्थान आईटीआई कॉलेज के सीईओ विकास खटोड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि अग्निवीरों की जो टेक्निकल भर्ती होगी उसमें आईटीआई के छात्रों को विशेष वरीयता दी जाएगी। इसके तहत उनको 40 अंक बोनस के रूप में दिए जाएंगे। वहीं 1 वर्षीय आईटीआई के लिए 30 अंक बोनस के दिए जाएंगे। सीईओ खटोड़ का मानना है कि आईटीआई के जो छात्र स्किल डेवलप होकर जाएंगे वे थोड़े से फिजिकल इंप्रूवमेंट के साथ ही देश की सेना में अपना अच्छा योगदान दे सकेंगे। वही उनका मानना था कि अग्निवीर योजना में आईटीआई के छात्रों को वरीयता देने से आईटीआई की तरफ छात्रों का तेजी से रुझान भी बढ़ेगा। इसके साथ ही देश के लिए बड़ी संख्या में स्किल डवलप्ड युवा सामने आ सकेंगे। वही एसएमटीआई कॉलेज के पूर्व छात्र संतोष सिंह जो कि वर्तमान में अजमेर विद्युत वितरण निगम बगड़ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एसएमटीआई कॉलेज से 2004 – 6 में इन्होने आईटीआई की थी और 2007 से अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में सरकारी सेवा में है। इनका कहना था कि मैंने जीवन में जो कुछ हासील किया है वह इसी आईटीआई की बदौलत है। 15 साल की निगम में मेरी सेवा हो चुकी है। उनका मानना है कि एसएमटीआई में छात्रों को प्रायोगिक रूप से सिखाने के लिए आधुनिक मशीनें तो उपलब्ध है ही साथ ही ट्रेंड स्टाफ भी है जिसके चलते इस संस्थान से पास आउट बच्चे अलग ही नजर आते हैं। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में स्किल इंडिया का दौर है सरकार भी ऐसे युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है जिनके पास सिर्फ डिग्री ही नहीं बल्कि वास्तविक रूप से प्रायोगिक रूप से काम करने का अनुभव भी हो और एसएमटीआई कॉलेज की अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित लैब और ट्रैंड स्टाफ की विशेषता ही उसे अन्य संस्थानों से अलग बनाती है।

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