24 घंटे तक डॉक्टर नहीं देखेंगे पेशेंट
लालसोट में डॉक्टर अर्चना शर्मा का हॉस्पिटल है जिसमें डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी
परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया था। हत्या का मामला दर्ज होने के बाद डॉक्टर अर्चना शर्मा डिप्रेशन में आ गई थी और उन्होंने मंगलवार को सुसाइड कर लिया
झुंझुनू, राजस्थान के दौसा जिले और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के विधानसभा क्षेत्र लालसोट में डॉ अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। महिला डॉक्टर का सुसाइड नोट सामने आने के बाद से डॉक्टर आक्रोशित नजर आ रहे हैं। इसी के चलते प्रदेश के सभी निजी हॉस्पिटल ने 24 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया है। इसी क्रम में झुंझुनू जिले के निजी हॉस्पिटल्स ने भी 24 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही झुंझुनू जिले के निजी हॉस्पिटल्स के डॉक्टर और संचालक आज झुंझुनू जिला मुख्यालय पर पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। झुंझुनू में यूनाइटेड प्राइवेट क्लिनिक एंड हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान की झुंझुनू शाखा, इंडियन डेंटल एसोसिएशन झुंझुनू, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झुंझुनू के तत्वावधान में बड़ी संख्या में निजी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने आक्रोश जताते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। यूनाइटेड प्राइवेट क्लिनिक एंड हॉस्पिटल्स एसोसिएशन झुंझुनू के जनरल सेक्रेटरी डॉ कमल चंद सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि दौसा के लालसोट में डॉक्टर अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या करने का जो मामला सामने आया है। वहां के छूटभैया नेताओ ने धरना प्रदर्शन करके दबाव बनाया जिसके चलते पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया। जिसके दबाव में आकर एक चिकित्सक को आत्महत्या करने जैसा कदम उठाना पड़ा। उनका कहना था कि ऐसे माहौल में एक चिकित्सक अपना काम कैसे कर पाएगा। वहीं कल्पवृक्ष हॉस्पिटल पिलानी के डॉक्टर करण सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 घंटे के लिए हमने कार्य बहिष्कार किया है और मुख्यमंत्री के नाम हमने जिला कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि हमने जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान सरकार की जो गाइडलाइन है उससे सभी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को अवगत करवाया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार के दबाव में आकर किसी डॉक्टर के खिलाफ ऐसा मामला दर्ज नहीं हो। ज्ञापन सौंपने वालों में डॉक्टर लाल चंद ढाका, ढूकिया हॉस्पिटल संचालक विकास ढूकिया, डॉक्टर कमल चंद सैनी, डॉक्टर नरेंद्र श्योराण, डॉ अशोक चौधरी, डॉक्टर करण सिंह, डॉक्टर कुंदन सिंह, डॉक्टर पुष्पेंद्र बुडानिया, डॉक्टर नत्थू सिंह शेखावत सहित बड़ी संख्या में जिले के चिकित्सक उपस्थित रहे। जिनमें अच्छी तादाद में महिला चिकित्सक भी साथ रही। वहीं इससे पूर्व सरकारी चिकित्सकों ने भी आज सुबह जिला कलेक्टर को इसी मामले को लेकर आक्रोश जताते हुए ज्ञापन सौंपा। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लालसोट में डॉक्टर अर्चना शर्मा का हॉस्पिटल है जिसमें डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था और परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया था। हत्या का मामला दर्ज होने के बाद डॉक्टर अर्चना शर्मा डिप्रेशन में आ गई थी और उन्होंने मंगलवार को सुसाइड कर लिया।