क्षेत्र में अवैध निर्माणों की आई बाढ़ : बिना स्वीकृति जारी है दर्जनों व्यवसायिक कॉम्प्लेक्सों का निर्माण
नगर पालिका की मिलीभगत से हो रहे हैं दर्जनों अवैध निर्माण
सरकार को हो रही है करोड़ों की राजस्व हानि
भाजपा व कांग्रेस के जनप्रतिनिधि कर चुके हैं शिकायत,
पालिका की कार्यशैली से आमजन में है आक्रोश,
“जनचर्चा जिनकी लगी धोक, उनकी हटी रोक”
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] क्षेत्र में इन दिनों मुख्य बाजारों सहित अन्य स्थानों पर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स सहित दर्जनों अवैध व्यवसायिक निर्माण धड़ल्ले से जारी है। शहर में व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं कॉम्प्लेक्स के निर्माणकर्ता नगर पालिका से स्वीकृति लेना भी जरूरी नहीं समझते। शहर में जनचर्चा के अनुसार नगरपालिका की मिलीभगत से शहर के मुख्य बाजारों में बहु मंजिला अवैध कॉम्पलेक्स का निर्माण धड़ल्ले से जारी है। लोगों का कहना है कि नगरपालिका में जिनकी लगी है धोक, उन पर नही है कोई रोक। लिंक रोड पर गैस एजेंसी के पास अंजनी माता मंदिर रोड़ पर कृषि भूमि पर बिना भु उपयोग रूपांतरण करवाए अवैध व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण जारी है। अवैध निर्माण करने वाले व्यक्ति अपनी दबंगई से निर्माण कर रहे हैं।
शिकायतकर्ता प्रदीप धर्ड ने बताया कि इस संबंध में पालिका अधिशाषी अधिकारी व एसडीएम से लेकर कलक्टर एवं संभागीय आयुक्त तक शिकायत की जा चुकी है, इसके बावजूद भी पालिका कार्य रुकवाने में नाकाम रही है, इस संबध में कार्य रोकने के लिए कलक्टर व एसडीएम द्वारा दिये गए आदेश को भी अवैध निर्माण कर्ताओं ने धत्ता बता दिया। इससे पूर्व में शेखावाटी लाईव के द्वारा अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया गया था, जिस पर पालिका प्रशासन ने कुछ निर्माण को रुकवाया भी था, लेकिन अवैध निर्माणकर्ताओं ने पालिका में सांठगांठ कर बिना स्वीकृति कार्य वापिस शुरू कर दिया। जिनमे शहर के रेल्वे स्टेशन के सामने बिना इजाजत अंदर ग्राउंड सहित बहु मंजिला व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण होकर व्यवसायिक गतिविधियाँ भी शुरू हो गई है। इसी प्रकार शहर के मुख्य बाजार में अशोक स्तंभ व घण्टा घर के बीच मुख्य बाजार में बहुमंजिला व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी अंडरग्राउंड खोद कर बिना स्वीकृति धड़ल्ले से जारी है। इसी प्रकार लिंक रोड पर भी पालिका द्वारा रोका गया कार्य दिनरात बदस्तूर बिना इजाजत धड़ल्ले से जारी है। वही पंचमुखी बालाजी मंदिर के पीछे स्थित कॉलोनी में दर्जनों बहुमंजिला बिल्डिंगे बनकर तैयार हो गई, लेकिन उनको पालिका से सांठगांठ के बाद इजाजत भी लेने की जरूरत नहीं पड़ी,
पालिका की इस सांठगांठ से सरकार को करोड़ो की राजस्व हानि हो रही है। नगरपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पार्टी भाजपा ही नही अपितु सत्तापक्ष कांग्रेस के पार्षद भी नाराज हैं और वे कई बार शिकायते कर चुके हैं। इसके बावजूद भी पालिका में अधिकारियों व पालिकाध्यक्ष की तानाशाही जारी है। इस संबध में कांग्रेस के पार्षदों ने कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
लेकिन बड़े नेताओं की मिलीभगत व सह से इनका कोई भी कुछ नही बिगाड़ सकता।
नगरपालिका में अवैध निर्माणों में रहे भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस व भाजपा के पार्षदों ने भी जिला कलेक्टर, ACB व मुख्यमंत्री को शिकायत कर मामलों में जांच करवाने की मांग कर चुके हैं। इसी प्रकार प्रतिपक्ष नेता लालचद प्रजापत व कांग्रेस पार्षद रामवीर राईका ने बताया है कि पालिका प्रशासन अवैध निर्माण व पट्टो के कार्य में चांदी कूटने में लगा हुआ है हमने इससे पूर्व नगर पालिका के भ्रष्टाचार की पोल खोलने का प्रयास किया था, जिस पर हमारे खिलाफ भी नगर पालिका ने झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए। नगर पालिका की तानाशाही के कारण आमजन व पार्षद बोलने से डरते हैं, कि शायद उनके खिलाफ भी इसी प्रकार मुकदमे दर्ज हो सकते है। उन्होंने बताया कि अगर अवैध निर्माण पर समय रहते रोक नही लगाई गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
नगरपालिका ईओ हेमंत कुमार सैनी ने बताया कि अवैध निर्माण को लेकर लिखित में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिस पर हमने कार्यवाही करते हुए निर्माण सामग्री को जब्त कर काम बंद किया था कुछ दिन बाद निर्माणकर्ता द्वारा रात्रि को व अवकाश के दिन पुनः अवैध निर्माण करवाए जाने की सूचना प्राप्त हुई हैं, पालिका प्रशासन अवैध निर्माण को सीज करने की कार्यवाही करेगा तथा शहर में चल रहे अन्य अवैध निर्माण कार्यो की भी जांच करवाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
दूसरी तरफ शहर में जनचर्चा है कि पालिका प्रशासन अवैध निर्माणो के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने में नाकाम साबित रही हैं अवैध निर्माणकर्ताओ को नोटिस देकर इतिश्री कर ली जाती हैं सता व विपक्ष के पार्षदों के मानना है कि अवैध निर्माण में पालिका प्रशासन की साठगांठ से भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है इस कारण अवैध निर्माण कर्ताओं के हौसले बुलंद हैं तथा वे दिनदहाड़े बीच बाजार बिना रोकटोक के निर्माण जारी रखते हैं, जब उन्हें स्वीकृति के बारे में पूछा जाता है तो वे कहते हैं पालिका में हमारी बात हो गई है। ऐसे में न सिर्फ आमजन को इससे परेशानी हो रही हैं बल्कि सरकार को भी करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हो रही हैं।