Video News – झुंझुनू के लाल तुझे सलाम : होली की आग ठंडी भी नहीं हुई कि धधक उठी शौर्य गाथा की ज्वाला
मेजर प्रदीप शर्मा की जान की जान लेने वाले आतंकियों को मौत के घाट उतारने पर मिला था शौर्य चक्र
शौर्य चक्र विजेता शहीद कर्नल राजेंद्र सिंह को दी गॉर्ड ऑफ़ ओर्नर के साथ अंतिम विदाई
सोमवार सुबह 10.30 बजे के करीब हार्ट अटैक आने से हुई मृत्यु
मेजर प्रदीप शर्मा की जान की जान लेने वाले आतंकियों को मौत के घाट उतारने पर मिला था शौर्य चक्र
झुंझुनू, शेखावाटी की धरती और उसमें भी झुंझुनू को यूं ही रणबांकुरे और शहीदों की भूमि नहीं कहा जाता, इसकी बड़ी बानगी आज हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। अभी होली के दहन की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि मातृभूमि की सेवा में जुटे झुंझुनू जिले के एक और लाल की चीता की अग्नि शौर्य गाथा का वर्णन करते हुए धधकने लगी। जी हां, झुंझुनू जिले का एक और जवान मातृभूमि की सेवा करते हुए शहीद हो गया। हम बात कर रहे हैं शौर्य चक्र विजेता कर्नल राजेंद्र सिंह कड़वासरा की। जिनका सोमवार को लेह में ड्यूटी के दौरान ही हार्ट अटैक आने के चलते उनका देहांत हो गया। शहीद कर्नल राजेंद्र सिंह 41 राष्ट्रीय राइफल्स में ड्यूटी के दौरान 5 पाकिस्तानी आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने पर तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा शौर्य चक्र से भी सम्मानित किए जा चुके थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 11 जून 2004 को कश्मीर में शहीद हुए मेजर प्रदीप शर्मा भी इन्हें के साथ ड्यूटी पर तैनात थे। जिन आतंकवादियों ने मेजर प्रदीप शर्मा की जान ली उन्हीं आतंकवादियों को शहीद राजेंद्र सिंह ने मौत के घाट उतार कर अपने साथी मेजर प्रदीप शर्मा की मौत का बदला भी लिया और उनके इस पराक्रम के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया।
दिसंबर 2021 से वे लद्दाख में ले सब एरिया में आर्टिलरी रेजिमेंट मैं पोस्टेड थे। वे 16 मीडियम रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त थे। सोमवार सुबह लगभग 10:30 बजे कॉन्फ्रेंस चल रही थी तभी कॉन्फ्रेंस के दौरान ही उनको हार्ट अटैक आ गया। बाद में उन्हें सेना के अस्पताल में ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। राजेंद्र सिंह मूल रूप से ढंडारिया गांव के निवासी थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से परिवार सहित पिलाने के राजगढ़ रोड पर वार्ड नंबर 20 में ही रहते थे। उनके परिवार में पत्नी ममता देवी तथा 2 पुत्र अक्षत व पूर्व है। शहीद का पार्थिव शरीर आज दोपहर पिलानी पहुंचा। जहां पर शौर्य चक्र विजेता शहीद राजेंद्र सिंह को सेना के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। पिलानी से गांव ढंडारिया तक हजारों की संख्या में लोगों ने विशाल रैली निकालकर शौर्य चक्र विजेता राजेंद्र सिंह कड़वासरा जिंदाबाद के नारे लगाए। वही आपको बता दें कि राजेंद्र सिंह के परिवार का सेना से लंबा जुड़ाव रहा है इनके पिता भारतीय सेना में कैप्टन थे और दो भाई भी सेना में रिटायरमेंट ले चुके हैं। कर्नल सिंह पांच भाइयों में चौथे नंबर पर थे वहीं इनके पिता का देहांत हो चुका है।