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Video News – पेपर आउट की पीड़ा : झुंझुनू में भी बाहर आई सेकंड ग्रेड के अभ्यर्थियों की पीड़ा, मुख्यमंत्री का यह है कहना

अभ्यर्थियों ने बताई सरकार की लापरवाही

कहां मुख्यमंत्री ने कानून तो बनाया लेकिन जमीनी स्तर पर नहीं करवाया लागू

झुंझुनू, प्रदेश में इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों में सेकंड ग्रेड परीक्षा में आउट हुए पेपर को लेकर रोज रोज नए खुलासे हो रहे हैं। वही सेकंड ग्रेड परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों की पीड़ा भी बाहर आ रही है। ज्यादातर परीक्षार्थियों ने पेपर आउट होने की घटना में सरकार की लापरवाही को कारण बताया और कहा कि पेपर पहले ही बाहर आ गया। ज्यादातर परीक्षार्थियों का कहना था कि कर्जा लेकर मां बाप के पैसे से हम बाहर जाकर कोचिंग करके परीक्षा की तैयारी करते हैं और जब रोल नंबर लिखते हैं तो हमें सूचना दी जाती है कि आप का पेपर आउट हो चुका है तो यह पेपर आउट नहीं होता बल्कि हमारे मां-बाप के सपने आउट होते हैं। झुंझुनू जिले के डाबड़ी बलौदा निवासी परीक्षार्थी सुनील कुमार ने बताया कि बिना उच्च स्तर पर सांठगांठ के ऐसे पेपर आउट की घटनाएं संभव नहीं है। जिस व्यक्ति को पकड़ा गया है उसने कई अपनी आईडी बना रखी है। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेपर आउट मामले में कानून तो लेकर आए लेकिन जमीनी स्तर पर उसको लागू नहीं कर पाए। इनकी मांग है कि पेपर आउट की घटनाओं में जो भी लिप्त पाया जाए उनकी संपत्ति कुर्क की जाए। वही इनका कहना था कि पेपर आउट होने जैसी घटनाएं ऐसा नहीं है कि कांग्रेस सरकार के समय ही हुई है भाजपा के समय भी हुई हैं ऐसे में दोनों ही पार्टी चोर चोर मौसेरे भाई हैं। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मीडिया में रोज पेपर आउट संबंधित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होने के समाचार लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। वही सोशल मीडिया पर पेपर आउट की घटना को लेकर चुटकुले भी सामने आ रहे हैं जिसमें लोक परिवहन की बस के ऊपर लिखा हुआ है कि नकल बस सेवा। इसके साथ ही राजस्थानी भाषा में जो कॉमेडियन है उनका भी इन दिनों पेपर आउट होना वीडियो बनाने का प्रमुख विषय बन चुका है। एक समाचार पत्र में यह भी सामने आया कि एक परीक्षार्थी ने खुद ही उदयपुर के एसपी को फोन करके बस में पेपर होने की सूचना दी थी। ऐसी स्थिति में परीक्षार्थियों का मानना है कि जब ऐसी घटनाएं सामने आ रही है तो मेहनत करके परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों का मोरल भी इससे डाउन होता है। परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी ही इन दिनों भयभीत नहीं है जिस प्रकार से तनाव में आकर परीक्षार्थियों द्वारा सुसाइड करने के मामले भी सामने आ रहे हैं बल्कि परीक्षार्थियों के अभिभावक भी इन दिनों सहमे हुए हैं। ऐसी स्थिति में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो उन्हें चाहिए कि जो अभ्यर्थी मेहनत करके परीक्षा देते हैं उनका ही चयन हो ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जाए। ना कि पेपर आउट होने की घटना में यह साबित किया जाए कि कौन बड़ा चोर है। क्योंकि जब तक प्रतियोगी परीक्षाएं ईमानदारी पूर्वक नहीं होंगी उनके द्वारा निकलने वाले कार्मिक अधिकारी भी ईमानदार निकल कर नहीं आएंगे। वही कल पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके ऊपर कड़ाई से काम करने की बात कही है।

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