अमेरिका के प्रोफेसर लिखेंगे बालाजी महाराज पर पुस्तक, दो माह की छुट्टियां बिताने भारत आए है प्रोफेसर जेरेमी शाऊल
भारतीय संस्कृति से हुआ इतना लगाव की सिख ली हिंदी भाषा, लोगों से मिलते समय नमस्कार कहकर करते हैं उनका अभिवादन
चूरू, [सुभाष प्रजापत ] अमेरिका में रहने वाला एक प्रोफेसर छुट्टियां बिताने के लिए जब एक वर्ष पूर्व भारत आया, तो उसने सालासर बाबा के दर्शन किए और अपनी छुट्टियां समाप्त कर वापिस घर चला गया। लेकिन जिसे भगवान अपने पास बुलाना चाहे, फिर चाहे वो सात समंदर पार ही क्यों न हो, उसे भगवान बुला ही लेते हैं। ऐसा ही अमेरिका के प्रोफेसर जेरेमी शाऊल के साथ हुआ। सालासर बाबा के दर्शन के बाद मन में अजीब सी हलचल होने लगी और भगवान पर रिसर्च करने का मूड बना लिया। शाऊल अब सालासर बाबा पर किताब लिखने का मानस बना चुके हैं और इसके लिए वे चूरू जिले के साथ-साथ आसपास के बालाजी मंदिरों में पहुंचकर उनके इतिहास की जानकारी जुटा रहे हैं। भारतीय संस्कृति से जेरेमी शाऊल का इतना लगाव हो गया कि उन्होंने इसके लिए हिंदी भी सीख ली और क्षेत्र में लोगों से मिलते समय नमस्कार कर अभिवादन करते हैं तथा हिंदी में बात करते हैं। करीब 15 दिन पहले यूएस के केलिफोर्निया के पास एक कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर जेरेमी शाऊल भारत आए। यहां पर उन्होंने सालासर बालाजी, खाटूश्यामजी, पुनरासर बालाजी, श्रीतालवाले बालाजी मंदिर आदि दार्शनिक स्थलों का भ्रमण किया। उन्होंने बताया कि वे अमेरिका में बच्चों को भी यहां की संस्कृति के बारे में बताते हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति बहुत अच्छी है तथा राजस्थान उन्हें काफी पसंद है। इस दौरान उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता अमित मंगलहारा के साथ क्षेत्र में हो रहे निजी व सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रमों में भी भाग लिया। श्रीतालवाले बालाजी मंदिर में प्रोफेसर का मनोज इंदौरिया, लक्ष्मीनारायण सीमार ने दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर आशुतोष हरितवाल, श्याम चोटिया, अमित भुढाढरा, राकेश सोनी, रघुनंदन धर्ड, प्रकाश भुढाढरा, शंकर भुढाढरा सहित कई लोग उपस्थित थे।