क्षेत्र में शुक्रवार को शीतलाष्टमी यानी बास्योड़ा हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है
शीतलाष्टमी के दिन सभी ठंडे पकवानों का मां के दरबार में भोग लगाया जाता है। घर घर से महिलाएं माताजी के जयकारे लगाती हुई मंदिरों में पहुंची
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] क्षेत्र में शुक्रवार को शीतलाष्टमी यानी बास्योड़ा हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। माता के मंदिरों में शीतला अष्टमी की पूजा अर्चना की जा रही है। शीतला धोरा स्थित शीतला मंदिर सहित कई स्थानों पर क्षेत्र में मेले का आयोजन हुआ तथा मंदिर में शीतलाष्टमी के अवसर पर भक्तों ने माता के दरबार मे धोक लगाई। सुबह से ही माता के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी हो गया था। श्रद्धालु माता के दरबार में ठंडे पकवानों का भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना की। शीतलाष्टमी के एक दिन पहले घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं। जिसके बाद आज शीतलाष्टमी के दिन सभी ठंडे पकवानों का मां के दरबार में भोग लगाया जाता है। घर घर से महिलाएं माताजी के जयकारे लगाती हुई मंदिरों में पहुंची। श्रद्धालुओं का मानना है कि जो भी बच्चा जन्म लेता है, उसको मंदिर में धोक लगाने से चेचक का रोग नहीं होता है और अगर किसी के चेचक हो जाता है, तो माता की शरण में आने से यह रोग हमेशा के लिए मिट जाता है। सभी भक्त अपने परिवार की खुशहाली की दुआ मांगने के लिए माता के मंदिर आए तथा पूजा-अर्चना कर मन्नोतियां मांगी।