वो काटा वो मरा, सहित अनेक आवाजो से गुंजा सुजानगढ़ शहर
सुबह सर्द हवाओं के बीच ही लोग छतों पर आने लगे
चुरू, [सुभाष प्रजापत ] चुरू जिले के सुजानगढ़ में 14 जनवरी को पतंग उड़ाने की एक परंपरा सी बन गई है। इस बार भी यही हुआ। शनिवार को बच्चे, युवा युवतियों ने पतंगबाजी का लुत्फ लेते हुए नजर आए। तिथियों के अनुसार अबकी बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को भी है। इस दिन दान पुण्य व पूजन पाठ का महत्व रहेगा। साथ ही पतंग उड़ाने का भी प्रचलन है। गिल्ली-डंडा भी खेला जाता है। शहर का शायद ही ऐसी कोई कॉलोनी, मोहल्ला नहीं बचा जहां से पतंग नहीं उड़ाई गई। सुबह सर्द हवाओं के बीच ही लोग छतों पर आने लगे। दिन चढ़ते-चढ़ते तो छतों पर लोगों का हुजूम सा दिखाई देने लगा। बदलते समय के साथ लोगों ने पतंग उड़ाने के दौरान म्यूजिक सिस्टम लगाए थे। साउंड सिस्टमों पर चल रहे गीतों पर झूमते-नाचते भी कई युवा पतंग उड़ाते हुए नजर आए। दोपहर को धूप तीखी हो चली थी, जो बेचैन कर रही थी। बावजूद इसके पतंगबाजों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। भरी दोपहरी में भी लोग पतंगबाजी करते रहे। इस बीच टोपी, चश्मे का सहारा जरूर लिया गया। सूर्यदेव की किरणें जब थोड़ी नरम पड़ी और सांझ ढलने को आई इस बीच भी पतंगबाजी का माहौल कम नहीं हुआ। अंधेरा छाने तक लोगों ने छत पर रहकर पतंगबाजी का मजा लिया। इस दिन सुबह से लेकर शाम तक पतंग काटने व कटवाने का दौर चला, पल-पल पर काटा है…वो गया…जैसी आवाजें गूंजती रही। कई बार बदला हवा का मिजाज शनिवार को हवाओं का रुख कई बार बदला। इसके चलते थोड़ी-थोड़ी देर में अलग-अलग दिशाओं में पतंग उड़ती दिखाई पड़ी लेकिन इस दिन काफी देर तक हवा मंद भी पड़ गई। ऐसे में पतंग आसमान की राह पकड़ने को मानों तैयार ही नहीं हो रही थी। ऐसे में पतंगबाज कुछ निराश भी हुए। पतंग लूटने की मची होड़ आसमान से कटकर नीचे आने वाली पतंग को लूटने के भी नजारे जगह-जगह दिखाई दिए। जब कभी मुख्य बाजारों में कटकर पतंग आती दिखती तो राहगीर के साथ कुछ व्यापारी भी उन्हें पकड़ने दौड़ते दिखे। जबकि कुछ बच्चे सुबह से लेकर शाम तक कटी हुई पतंग को लूटने के लिए ही दौड़भाग करते रहे। इस दौरान बच्चे अपनी सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रख रहे थे। आज भी उड़ेगी पतंग शहर में रविवार को मकर सक्रांति पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।