राज्य सरकार के बनाये गये नियम 17 के आधार पर आगामी आदेश तक बैठक को किया स्थगित – सभापति सैनी
आयुक्त पर पार्षदों ने लगाये भ्रष्टाचार के आरोप
चूरू, [सुभाष प्रजापत ] .नगर परिषद में सभापति पायल सैनी द्वारा एम्पावर्ड बैठक को रविवार को स्थगित करने का आदेश जारी किया था। लेकिन आयुक्त आयुक्त रजत जैन अपने ऑफिस में चार-पांच कर्मचारियों के साथ एम्पावर्ड बैठक ले रहा था। सभापति पायल सैनी बैठक को स्थगित करवाने के लिए अपने पार्षदों के साथ आयुक्त को ज्ञापन देने के लिए गये तो आयुक्त ने बैठक को स्थगित करने के लिए मना कर दिया। आयुक्त ने कहा कि मै राजस्थान सरकार की कर्मचारी हूं। मुझे बैठक करने का अधिकार है। सभापति ने कहा कि बैठक में एक ही फाईल के दो एजेन्डे में लेकर की कैसे की जाती है। आप बैठक को बिना पार्षदों या जनप्रतिनिधि के बिना नहीं ले सकतें। सभापति व पार्षदों ने कहा कि बैठक में आपका अपना हित है। इसी दौरान पार्षदों ने आयुक्त के खिलाफ एक ही फाईल के दो एजेन्डे पर कार्य करने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। जब भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो आयुक्त जैन ने कहा कि मैं तो सरकार के नियमानुसार कार्य कर रहा हूं। सभापति पायल सैनी ने कहा कि करीब पांच दिन पहले आयुक्त रजत जैन का पदस्थापन हुआ था। आयुक्त को 15 दिन के लिए सवाई माधोपुर से चूरू नगर परिषद लगाया गया है। आयुक्त का पदभार ग्रहण करते हुए एक ही फाईल को लेकर एम्पावर्ड की बैठक रखी गई थी। सभापति ने कहा कि आजतक जब भी कोई मिटींग रखी गई थी। वो मिटींग सभाकक्ष में की जाती है। लेकिन आयुक्त ने अपने ही कक्ष में ही एम्पावर्ड बैठक ले रहे थे। 37 पार्षदों ने बैठक को लेकर विरोध जताया गया था। 37 पार्षदों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र देकर बैठक को स्थगित करने के लिए आयुक्त को कहा गया था। लेकिन आयुक्त जैन ने नगर परिषद के चार पांच कर्मचारियों के साथ अपने ही कक्ष में बैठक ले रहा था। इस बात की जानकारी लगने पर सभापति सहित पार्षदों वहां पर पहुंचे। बैठक को सथगित करने का विरोध किया और पार्षदों ने 800 से भी ज्यादा फाईलों को एजेन्डे में लेकर सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियों को अवगत कराकर बैठक को करने पर जोर दिया। लेकिन पुलिस की मौजूदगी में आयुक्त व पार्षदों के बीच आयोजित बैठक को लेकर कहासुनी होती रही है। पार्षदों ने कहा कि हम जनता के प्रतिनिधि है। बैठक को आप खुद के कक्ष में ले रहे हो। इससे भ्रष्टाचार की बू आती है। लेकिन आयुक्त ने बैठक को स्थगित नहंी करने की बात कही। पार्षदों ने कहा कि एसडीएम स्वयं बैठक को स्थगित करने के लिए आयुक्त को निर्देश दे चूके है। इसके बाद भी वे बैठक करने पर उतारू हो रहे है। मामला बढता देख पार्षदों ने आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया। ऐसे में एकबारगी माहौल गर्मा गया। इस दौरान वहां मौजूद एसडीएम मेहूल कुमार व पुलिसकर्मियों ने समझाईश कर मामले को शांत करने का प्रयास किया। काफी देर चली तनातनी के बाद बैठक स्थगित करने के आदेश पर मामला शांत हुआ। सभापति ने जब आयुक्त से डिस्पेच रजिस्ट्रर मांगा तो आयुक्त ने कहा कि डिस्पेच रजिस्ट्रर कर्मचारी के पास है। फिर सभापति ने कर्मचारी को बुलाया और पुछा कि डिस्पेच रजिस्ट्रर कहां है। तब कर्मचारी ने कहा कि आयुक्त के पास है। तब आयुक्त ने कहा कि मेरे पास अभी नहीं है। मैं डिस्पेच रजिस्ट्रर को देखकर दे दूंगा। लेकिन जब पार्षद शाहरूख खान ने कहा कि आपकी कुर्सी के नीचे थैले में क्या है। तब आयुक्त ने कहा कि मुझे पता नहीं था कि यहां पर थैला पड़ा है। बाद में आयुक्त ने सभापति को डिस्पेच रजिस्ट्रर सौंपा। सभापति ने बताया कि पार्षदों द्वारा अपने ज्ञापन में बैठक में रखे गये एजेण्डा में भारी रूप्ये को लेकर किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने व भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया गया था। ज्ञापन को मद्देनजर रखते हुए कार्यवाही को सुचारू रूप से चालु नहीं होने से अव्यवस्था फैलाने की स्थिति में आज की एम्पावर्ड कमेटी को राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 51 व 52 के साथ सपठित धारा द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा बनाये गये नियम 17 के आधार पर आगामी आदेश तक बैठक को स्थगित किया जाता है।