चेयरमैन व ईओ की अनुपस्थिति पर आक्रोशित हुए पार्षद
प्रतिपक्ष नेता लालचंद प्रजापत सहित पार्षद करते रहे इंतजार
करीब पौने घंटे बाद पालिका में पहुंची चेयरमैन अर्चना सारस्वत
गणगौर कार्यक्रम को लेकर पालिका ने आहूत की थी बैठक
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] रतनगढ़ नगरपालिका में बुधवार को उस समय बवाल मच गया, जब पालिका प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक में चेयरमैन व ईओ ही नदारद मिले। करीब पौने घंटे तक बैठक के लिए आए पार्षद इनका इंतजार करते रहे और उसके बाद पालिका सभागार से बाहर निकलकर अपना आक्रोश जताया। करीब पौने घंटे बाद रतनगढ़ पालिकाध्यक्ष अर्चना सारस्वत नगरपालिका पहुंची तथा आक्रोशित पार्षदों से समझाइश करती हुई बैठक में शामिल होने का निवेदन किया। मामले के अनुसार 24 मार्च को गणगौर का त्योंहार है। प्रतिवर्ष नगरपालिका द्वारा ईशर व गणगौर माता की शाही सवारी रतनगढ़ के मुख्य बाजारों से निकाली जाती है। इस कार्यक्रम को लेकर नगरपालिका प्रशासन ने पार्षदों की बैठक बुधवार को आयोजित की थी, ताकि कार्यक्रम को लेकर रूपरेखा तैयार की जा सके तथा अलग-अलग जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की जाए। 11 बजे पालिका सभागार में आयोजित बैठक में पालिका प्रतिपक्ष नेता लालचंद प्रजापत सहित सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के पार्षद बैठक में उपस्थित हो गए। लेकिन पौने घंटे तक जब पालिकाध्यक्ष अर्चना सारस्वत एवं ईओ अभयकुमार मीणा बैठक में उपस्थित नहीं हुए, तो सत्ता पक्ष के पार्षदों सहित विपक्ष ने भी अपना विरोध प्रकट किया तथा आक्रोशित होकर सभागार से बाहर आ गए।
बैठक के निर्धारित समय से करीब पौने घंटे बाद जब पालिकाध्यक्ष अर्चना सारस्वत नगरपालिका पहुंची, तो आक्रोशित पार्षदों से समझाइश कर बैठक का शुभारंभ किया गया। बैठक शुरू होने के काफी देर बाद ईओ अभयकुमार मीणा पहुंचे, तो पार्षदों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। बैठक के शुरू होते ही निर्धारित मुद्दे को छोड़कर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के कई पार्षद विकास कार्यों में अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपना विरोध जताया, तो पालिकाध्यक्ष के पक्ष के कई पार्षद उनके बचाव में खड़े हो गए। काफी देर तक पालिका सभागार में तनातनी का माहौल बना रहा तथा पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। इस दौरान कई पार्षदों ने बजट बैठक आयोजित नहीं करने का भी आरोप लगाया। पार्षदों के बीच हुई तीखी नोकझोंक के बाद पालिकाध्यक्ष अर्चना सारस्वत बैठक को बीच में ही छोड़कर चली गई, जिसके बाद पार्षद भी नगरपालिका सभागार से बाहर आ गए तथा बैठक की कार्रवाई अधूरी ही रह गई।