सोशल मिडिया पर तेजी से यह वीडियो हो रहा है वायरल
झुंझुनू, पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने सूरजगढ़ उपखण्ड में क्षेत्र सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले अफसरों को मंच से खुलेआम चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोट नहीं दिया तो वे अपने बिस्तर को कसकर रस्सी से बांध लें, उन्हें किसी भी सूरत में सूरजगढ़ क्षेत्र में नौकरी करने का अधिकार नहीं है। एक वीडियो सामने आया है, इस वीडियो में पूर्व सांसद और विधानसभा चुनाव में सूरजगढ़ से भाजपा प्रत्याशी रही संतोष अहलातव ने बहुत कड़े शब्दों में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेताया है। यह वीडियो 30 मार्च को सूरजगढ़ में कार्यकर्ता सम्मेलन का बताया जा रहा है। झुंझुनूं लोकसभा से भाजपा की टिकट पर शुभकरण चौधरी चुनाव मैदान में है, जो इनके सम्बन्धी भी है। कार्यकर्ता सम्मेलन को पूर्व सांसद संतोष अहलावत सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकर्ता को, मेरे वोटर और मेरे शुभचिंतक को कोई भी किसी भी दफ्तर में बैठकर सता नहीं पाएगा, ये मैं वादा करती हूं। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि इस बार खुले मन से न्यौता दे रहे हैं, या तो आप सीख ले लेना नहीं तो अपने बिस्तर पर रस्सी कसकर बांध लेना, आगे पांच साल तक सूरजगढ़ में घूसने नहीं दूंगी। उन्होंने कहा कि कह दिया, सब को ये संदेश। मुझे कल कोई कह रहा तथा ऐसे मत बोलों। मैं फिर बोल रही हूं। नरेन्द्र मोदी को वोट नहीं देने वाले आदमी को कोई अधिकार नहीं है कि वो सूरजगढ़ के किसी दफ्तर में बैठ कर नौकरी करें।
पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने सोमवार को अपने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा कि कुछ भी मामला नहीं है। लोग यूं ही है। हर किसी बात को उठा लेते हैं। लोग जो झूठ फैला रहे हैं। मोदी जी गरीब को गणेश मानकर काम कर रहे हैं। देश का वोटर मोदी जी के साथ है। मैने किसी के बयान के खिलाफ में यह कहा था। देश की उन्नति और प्रतिष्ठा में पिछले दस सालों में बढ़ोतरी हुई है। इससे प्रेरित होकर लोग मोदी को वोट देंगे। लोगों का पूरा मानस हैं। मोदी जी गारंटी में लोगों को विश्वास है। मोदी को सब वोट देंगे। देश की उन्नति, देश की तरक्की सब चाहते हैं। जब मोदी जी ही गरीब को गणेश मानकर काम कर रहे हैं तो अधिकारियों को भी करना होगा। सबको मोदी जी की तरह काम करना होगा। जो अधिकारी गरीबों की नहीं सुनेंगे। गरीबों का काम नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ काम करेंगे और तो क्या होगा। जैसा आप सभी को विदित है कि भारतीय लोकतंत्र की व्यवस्था में मतदान को गोपनीय रखा गया है और मतदान अपने पसंदीदा उम्मीदवार या दल को मतदान करना व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। इसे भी किसी भी प्रकार की शर्त लगाकर बाउंड नहीं किया जा सकता और यदि कोई अधिकारी कर्मचारी काम नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकार के स्तर पर एक्शन लिया जा सकता है न की इस प्रकार खुले मंच से चेतावनी देने का काम। आपकी इस मामले पर क्या राय है कमेंट कर बताए। शेखावटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू