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टिटहरी पक्षी ने ऊंचाई पर दिये 4 अंडे, मानसून पूर्वानुमान एवं वैज्ञानिक आधार
डॉ योगेश आर्य के अनुसार
वीडियो – खेतड़ी (झुंझुनूं) की है
झुंझुनू, भारत मे पाई जाने वाली टिटहरी या टीटोड़ी को अंग्रेजी में “Red wattled lapwing” कहते हैं। ये भोजन में कीड़े मकोड़े, मोलस्क, छोटे जंतु और कीचड़ की नर्म वनस्पति खाती हैं। टिटहरी अपनी शारीरिक बनावट के कारण पेड़ पर नही बैठती। टिटहरी अंडे देती है जिनको नर और मादा दोनों मिलकर सेते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार अगर टिटहरी ऊँचाई पर अंडे दे तो बारिश ज्यादा और तालाब के तल में अंडे दे तो बारिश कम होगी। अगर 3 अंडे दे तो बारिश तिमाही और 4 अंडे दे तो चौमासा होगा (4 महीने बारिश होगी) हालांकि इन बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नही है परंतु जनमानस में ये बातें हैं। डॉ योगेश आर्य के अनुसार लोगों में भ्रांति है कि टिटहरी अपने अंडे पारस पत्थर से तोड़ती है और इसलिए पारस पत्थर के चक्कर मे लोग इनको परेशान करते है इनके अंडों के पास कील, स्क्रू, लोहा रखते है इनके अंडों को नुकसान पहुँचाते हैं। जिससे टिटहरी की संख्या कम होती जा रही है।