चुरूताजा खबर

वीर सैनिकों के साहस के दम पर ही महफूज हैं हम – कुमार अजय

चूरू, भारतीय सेना में 28 वर्ष की उत्कृष्ट सेवा के बाद दि पैराशूट रेजिमेंट सात पैरा (विशेष बल) बैंगलोर से सेवानिवृत्त होकर गांव आए घांघू के सूबेदार रघुवीर सिंह राठौड़ का ग्रामीणों की ओर से जोरदार स्वागत किया गया। स्वागत यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने ‘भारत माता की जय’, ‘शहीद राजेश फगेड़िया अमर रहे’ और ‘शहीद लखुसिंह राठौड़ अमर रहे’ के नारों से आसमान को गुंजायमान कर दिया। शहीद राजेश फगेड़िया के पिता रामलाल फगेड़िया एवं सूबेदार (सेवानिवृत्त) मोहिदीन खान के नेतृत्व में शहीद परिवार, गौरव सेनानियों एवं ग्रामीणों ने उत्साह के माल्यार्पण एवं शाॅल ओढ़ाकर राठौड़ का सम्मान किया। राठौड़ ने शहीद लखुसिंह राठौड़ एवं शहीद राजेश फगेड़िया की प्रतिमाओं पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया। शहीद लखुसिंह राठौड़ के स्मारक स्थल से शुरू स्वागत यात्रा डीजे के साथ शहीद राजेश फगेड़िया स्मारक सहित गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए उनके घर पहुंची। शहीद राजेश फगेड़िया के स्मारक पर शहीद पिता राजेश फगेड़िया, शहीद माता शारदा देवी, शहीद वीरांगना मधु फगेड़िया, शहीद पुत्रा मयंक फगेड़िया ने राठौड़ का शाॅल ओढाकर सम्मान किया। ग्राम पंचायत की ओर से उनका शाॅल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।

इस दौरान राठौड़ का स्वागत-सम्मान करते हुए सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय ने कहा कि राष्ट्र सेवा के साथ सीधे जुड़ी हुई भारतीय सेना की सेवा अत्यंत गौरवमयी सेवा है। सैनिकों की साहस के दम पर ही आज हम सभी की सुरक्षा व्यवस्था टिकी हुई है। किसी भी देश व समाज के लिए सैनिकों का स्थान सबसे ऊंचा होता है। सेना और सैनिकों के प्रति हमारे मन में सम्मान होना ही चाहिए। कड़ाके की ठंड, भीषण गर्मी और तमाम विपरीत परिस्थितियों में अपने प्राण हथेली पर लिए देश की सेवा करने वाला प्रत्येक सैनिक अभिनंदन का पात्र है। सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा ने रघुवीर राठौड़ की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि अब सामाजिक कार्यों में उनकी रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका रहेगी, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। समग्र शिक्षा में कार्यक्रम अधिकारी अर्जुन सिंह राठौड़ एवं समाज सेवी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सभी का स्वागत किया और भव्य स्वागत के लिए ग्रामीणों का आभार जताया।

इस दौरान उप सरपंच पूर्ण सिंह शेखावत, रतन सिंह राठौड़, तेजेश्वर राठौड़, रिंकल राठौड़, सूबेदार सफी मोहम्मद, ठा. भींवसिंह राठौड़, सुरेंद्र सिंह राठौड़, वीरेंद्र सिंह राठौड़, रविंद्र सिंह राठौड़, विजेंद्र सिंह राठौड़, सिकंदर सिंह शेखावत, सुभाषचंद्र फौजी, राकेश फौजी, बरकत अली, हनुमान प्रसाद मेघवाल, जतन लाल मेघवाल, खेमाराम गुरी, पूर्व सैनिक राधेश्याम प्रजापत, बीरबल नोखवाल, देवेंद्र सिंह राठौड़, राजू सिंह राठौड़, सुमेर सिंह राठौड़, सफी मोहम्मद फौजी, विद्याधर रेवाड़, उम्मेद सिंह राठौड़, केशरदेव प्रजापत, ताराचंद प्रजापत, सत्यनारायण जांगिड़, सुखलाल सिहाग, हरिसिंह राठौड़, महावीर सिंह राठौड़, नोरत सिंह तंवर, मोती सिंह तंवर, देवकरण प्रजापत, प्रकाश सेवदा, मुश्ताक खान, सोहनलाल दर्जी, मो. सत्तार व्यापारी, दामोदर प्रजापत, सीताराम दर्जी, करणी सिंह तंवर, कल्याण सिंह राठौड़, प्रेम सिंह राठौड़, सुभाष बरड़, राकेश नाई, सुभाष दर्जी, मनोज कुमार शर्मा, विश्वंभर गुरी, मयंक फगेड़िया, खुशी मोहम्मद, सुभाष दर्जी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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