चिंता- वर्तमान माहौल में एमबीबीएस की डिग्री नहीं मिल पाएगी
नवलगढ़, [राकेश स्वामी] यूक्रेन में फंसे क्षेत्र के कारी गांव की रोनक ओर कोलसिया के रजत दूत की सुरक्षित वतन वापस लौट आए। बेटी व बेटा की सकुशल वापसी से परिजनों में खुशी का माहौल है। कारी गांव की बेटी रोनक यूक्रेन की विन्नित्सा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी वीएनएमयू से मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे। इस यूनिवर्सिटी में रोनक की एमबीबीएस की पढ़ाई का अंतिम वर्ष था। जिनकी एग्जाम जून में होने वाली थी। रोनक का कहना है कि यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से भारत लौटना पड़ा। परिजनों के बीच पहुंचने पर छात्रा को थोड़ा डर और चिंता है। चिंता इस बात की है कि वर्तमान माहौल में एमबीबीएस की डिग्री नहीं मिल पाएगी। लेकिन घर पर आने पर बहुत खुश नजर आई। रोनक अपनी यूनिवर्सिटी से चलकर 12 किलोमीटर पैदल आई तब जाकर बॉर्डर पर पहुंचकर इंडिया की फ्लाइट को पकड़ पाई। इसी प्रकार से कोलसिया गांव का बेटा रजत भी अपने वतन सकुशल लौट आया । रजत यूक्रेन में उज़होरोड नेशनल यूनिवर्सिटी, उज़होरोड में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। रजत अभी नवंबर माह में ही इस मिस्टी में पढ़ाई करने के लिए पहुंचा था।दो देशों के मध्य युद्ध होने के कारण से जल्दी वापस अपने वतन लौट आया। रजत ने कहा कि वहां पर चारों तरफ बम की आवाज आती रहती है जिससे हम डरे हुए थे।इन छात्र-छात्राओं का सम्मान करने के लिए भाजपा नेता राजेश कटेवा इनके घर पर पहुंचे।दोनों छात्र छात्राओं ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने हमें सुरक्षित अपने घर तक पहुंचा दिया इसके लिए हमें उन का बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित करते हैं और हमारे तिरंगे से अन्य देश के छात्र-छात्राएं अपनी-अपनी देश को लूट रहे हैं। इस मौके पर देवीपुरा बणी के सरपंच प्रतिनिधि रजनीश पूनिया,कारी सरपंच सुमेर सिंह, मोहनलाल धायल, रघुवीर सिंह धींवा, शर्मिला देवी, सौरभ कुमार, मालीराम ढाका, सुमेर सिंह , मोहनलाल धायल, रघुवीर सिंह धींवा, शर्मिला देवी, सौरभ कुमार, मालीराम ढाका, धर्मेंद्र, जितेंद्र ,रोहिताश ,हरिराम ,यूनिस ,मुकेश ,नरेश, हरीश,राजेश, हरलाल, विनोद, सुमन ,मधुसूदन शर्मा, नीरज, शिवानी, सरोज, नीलम, पूजा, कांता, सीमा, विक्रम आदि उपस्थित रहे।